Youths Vandalise Private School in Nagaur on Christmas, Three Detained Amid Rising Tension
28 Dec, 2025
Nagaur, Rajasthan
नागौर शहर में क्रिसमस के मौके पर एक निजी स्कूल में हुई तोड़फोड़ और मारपीट की घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है। घटना शीतला माता मंदिर के सामने स्थित एक निजी स्कूल में हुई, जहां कुछ युवकों ने डंडों के साथ पहुंचकर स्कूल परिसर में जमकर उत्पात मचाया।[1] प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आरोपी युवकों ने न केवल कक्षा-कक्षों और फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया, बल्कि वहां मौजूद स्टाफ के साथ मारपीट भी की और उन्हें जान से मारने की धमकी दी।[1]
स्कूल प्रबंधन का कहना है कि छुट्टी का दिन होने के बावजूद कार्यालयीन काम के लिए कुछ कर्मचारी और प्रबंधन से जुड़े लोग कैंपस में मौजूद थे। इसी दौरान कार से आए तीन युवक स्कूल के मुख्य द्वार पर रुके और बिना किसी बातचीत के भीतर घुसकर हंगामा शुरू कर दिया।[1] आरोप है कि युवकों ने पहले गेट पर मौजूद चौकीदार को धक्का देकर अंदर धकेला, फिर दफ्तर में रखी कुर्सियां, टेबल और कांच के शीशे तोड़ दिए। जब स्टाफ ने रोकने की कोशिश की, तो उनके साथ गाली-गलौज और धक्का-मुक्की की गई, जिसके बाद डंडों से हमला किया गया।[1]
घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को काबू में किया।[1] पुलिस ने मौके से कार में आए तीन युवकों को हिरासत में लेकर थाने लाया और उनसे पूछताछ शुरू की।[1] प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, युवकों और स्कूल प्रबंधन के बीच किसी पुरानी रंजिश या व्यक्तिगत विवाद की आशंका जताई जा रही है, हालांकि पुलिस अभी आधिकारिक रूप से किसी विशेष कारण की पुष्टि नहीं कर रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हाल के दिनों में स्कूल के आसपास पार्किंग, शोर-शराबा और रास्ता अवरुद्ध होने को लेकर भी विवाद की स्थिति बनती रही है, लेकिन पुलिस इन सभी कोणों की जांच कर रही है।
घटना के बाद स्कूल परिसर के बाहर बड़ी संख्या में अभिभावक और स्थानीय निवासी एकत्र हो गए। लोगों में गुस्सा है कि शैक्षणिक संस्थान के अंदर इस तरह की हिंसक वारदात बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अभिभावकों का कहना है कि अगर घटना के समय बच्चे स्कूल में मौजूद होते, तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। कई अभिभावकों ने मांग की है कि पुलिस आरोपियों पर सख्त धाराओं में मामला दर्ज करे और शहर में स्कूलों व कोचिंग संस्थानों के बाहर स्थायी पुलिस गश्त की व्यवस्था की जाए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, फिलहाल तीनों हिरासत में लिए गए युवकों की पहचान, उनका आपराधिक रिकॉर्ड और आपसी संबंधों की जानकारी जुटाई जा रही है।[1] सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या और लोग भी इस हमले में शामिल थे या नहीं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि घटना पूर्व नियोजित थी या किसी मामूली कहासुनी से शुरू होकर हिंसा में बदल गई।
जिला प्रशासन स्तर पर भी मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल प्रबंधन से रिपोर्ट तलब की है और सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। अभिभावक संगठनों ने मांग उठाई है कि सभी निजी और सरकारी स्कूलों में पर्याप्त सीसीटीवी, सुरक्षा गार्ड और प्रवेश-निकास पर कड़ी निगरानी सुनिश्चित की जाए।
इस बीच, नागौर जिले में मौसम का मिजाज भी बदला हुआ है और राजस्थान के कई हिस्सों की तरह यहां भी ठंड के साथ बारिश और कोहरे की स्थिति बनी हुई है, जिससे सुबह और देर शाम के समय सड़कों पर आवाजाही प्रभावित हो रही है।[3][7] सुरक्षा एजेंसियां मान रही हैं कि ऐसे मौसम में गश्त और प्रतिक्रिया समय और चुनौतीपूर्ण हो जाता है, इसलिए शहर के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
स्थानीय सामाजिक संगठनों ने अपील की है कि किसी भी तरह की अफवाहों पर विश्वास न किया जाए और मामले को कानून के हवाले छोड़कर शांति बनाए रखी जाए। वे चाहते हैं कि इस केस की निष्पक्ष और त्वरित जांच हो, ताकि शहर में शैक्षणिक माहौल और आपसी सद्भाव दोनों सुरक्षित रह सकें। फिलहाल नागौर के नागरिक पुलिस कार्रवाई की दिशा और आने वाले दिनों में अदालत में होने वाली कानूनी कार्यवाही पर नजर बनाए हुए हैं।
स्कूल प्रबंधन का कहना है कि छुट्टी का दिन होने के बावजूद कार्यालयीन काम के लिए कुछ कर्मचारी और प्रबंधन से जुड़े लोग कैंपस में मौजूद थे। इसी दौरान कार से आए तीन युवक स्कूल के मुख्य द्वार पर रुके और बिना किसी बातचीत के भीतर घुसकर हंगामा शुरू कर दिया।[1] आरोप है कि युवकों ने पहले गेट पर मौजूद चौकीदार को धक्का देकर अंदर धकेला, फिर दफ्तर में रखी कुर्सियां, टेबल और कांच के शीशे तोड़ दिए। जब स्टाफ ने रोकने की कोशिश की, तो उनके साथ गाली-गलौज और धक्का-मुक्की की गई, जिसके बाद डंडों से हमला किया गया।[1]
घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को काबू में किया।[1] पुलिस ने मौके से कार में आए तीन युवकों को हिरासत में लेकर थाने लाया और उनसे पूछताछ शुरू की।[1] प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, युवकों और स्कूल प्रबंधन के बीच किसी पुरानी रंजिश या व्यक्तिगत विवाद की आशंका जताई जा रही है, हालांकि पुलिस अभी आधिकारिक रूप से किसी विशेष कारण की पुष्टि नहीं कर रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हाल के दिनों में स्कूल के आसपास पार्किंग, शोर-शराबा और रास्ता अवरुद्ध होने को लेकर भी विवाद की स्थिति बनती रही है, लेकिन पुलिस इन सभी कोणों की जांच कर रही है।
घटना के बाद स्कूल परिसर के बाहर बड़ी संख्या में अभिभावक और स्थानीय निवासी एकत्र हो गए। लोगों में गुस्सा है कि शैक्षणिक संस्थान के अंदर इस तरह की हिंसक वारदात बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अभिभावकों का कहना है कि अगर घटना के समय बच्चे स्कूल में मौजूद होते, तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। कई अभिभावकों ने मांग की है कि पुलिस आरोपियों पर सख्त धाराओं में मामला दर्ज करे और शहर में स्कूलों व कोचिंग संस्थानों के बाहर स्थायी पुलिस गश्त की व्यवस्था की जाए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, फिलहाल तीनों हिरासत में लिए गए युवकों की पहचान, उनका आपराधिक रिकॉर्ड और आपसी संबंधों की जानकारी जुटाई जा रही है।[1] सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या और लोग भी इस हमले में शामिल थे या नहीं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि घटना पूर्व नियोजित थी या किसी मामूली कहासुनी से शुरू होकर हिंसा में बदल गई।
जिला प्रशासन स्तर पर भी मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल प्रबंधन से रिपोर्ट तलब की है और सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। अभिभावक संगठनों ने मांग उठाई है कि सभी निजी और सरकारी स्कूलों में पर्याप्त सीसीटीवी, सुरक्षा गार्ड और प्रवेश-निकास पर कड़ी निगरानी सुनिश्चित की जाए।
इस बीच, नागौर जिले में मौसम का मिजाज भी बदला हुआ है और राजस्थान के कई हिस्सों की तरह यहां भी ठंड के साथ बारिश और कोहरे की स्थिति बनी हुई है, जिससे सुबह और देर शाम के समय सड़कों पर आवाजाही प्रभावित हो रही है।[3][7] सुरक्षा एजेंसियां मान रही हैं कि ऐसे मौसम में गश्त और प्रतिक्रिया समय और चुनौतीपूर्ण हो जाता है, इसलिए शहर के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
स्थानीय सामाजिक संगठनों ने अपील की है कि किसी भी तरह की अफवाहों पर विश्वास न किया जाए और मामले को कानून के हवाले छोड़कर शांति बनाए रखी जाए। वे चाहते हैं कि इस केस की निष्पक्ष और त्वरित जांच हो, ताकि शहर में शैक्षणिक माहौल और आपसी सद्भाव दोनों सुरक्षित रह सकें। फिलहाल नागौर के नागरिक पुलिस कार्रवाई की दिशा और आने वाले दिनों में अदालत में होने वाली कानूनी कार्यवाही पर नजर बनाए हुए हैं।