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Bikaner Solar Project Milestone: SJVN Commissions 1000 MW Green Power Plant Amid Development Surge

28 Dec, 2025 Bikaner, Rajasthan
बीकानेर जिले में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा सफलता का क्षण आ गया है। एसजेवीएन लिमिटेड ने अपने 1000 मेगावाट बीकानेर सोलर पावर प्रोजेक्ट का व्यावसायिक संचालन (सीओडी) घोषित कर दिया है, जो राजस्थान के ऊर्जा मानचित्र को मजबूत करने वाला कदम है। यह प्रोजेक्ट बीकानेर जिले के बंधेरवाला गांव के पास 5000 एकड़ भूमि पर विकसित किया गया है, जो देश के उच्चतम सोलर यील्ड वाले क्षेत्रों में से एक है। एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) के माध्यम से लागू इस परियोजना से पहले वर्ष में 2454.55 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा और अगले 25 वर्षों में कुल 56,838 मिलियन यूनिट बिजली उत्पन्न होगी। अधिकतम उपयोग शुल्क 2.57 रुपये प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है, जिससे राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के उपभोक्ताओं को सस्ती हरित ऊर्जा उपलब्ध होगी। एसजेवीएन के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर भूपेंद्र गुप्ता ने इसे राष्ट्र की स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है, जो 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य की प्राप्ति में योगदान देगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 3 जनवरी 2023 को जयपुर में इसकी आधारशिला रखी थी, और यह केंद्रीय लोक उद्यम योजना (सीपीएसयू) स्कीम फेज-II, ट्रांच-III के तहत विकसित हुई है।[6][7]

इसके अलावा, बीकानेर जिले से जुड़ी एक दुखद खबर ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। बीकानेर के युवा अजय गोदारा, जो रूस स्टूडेंट वीजा पर गए थे, को सेना में भर्ती कर लिया गया और वे रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में शहीद हो गए। परिवार को पिछले सप्ताह ईमेल के माध्यम से उनके निधन की सूचना मिली, उसके बाद रूसी सरकार ने शव नई दिल्ली भेजा, जो अब बीकानेर लाया जा रहा है। परिवार ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा से अपील की थी कि उनके बेटे को सुरक्षित वापस लाया जाए। अब वे जांच की मांग कर रहे हैं कि कैसे एक स्टूडेंट वीजा पर गए युवक को युद्ध क्षेत्र में धकेल दिया गया। यह घटना भारतीय युवाओं के विदेश जाने के खतरे को उजागर करती है।[5]

बीकानेर में विकास की रफ्तार तेज हो रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीकानेर में 26,000 करोड़ रुपये के विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिसमें रेलवे, स्वास्थ्य, जल और बिजली क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने बीकानेर-मुंबई नई ट्रेन को हरी झंडी दिखाई और पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 40,000 से अधिक परिवारों को लाभ पहुंचाया। राजस्थान में पिछले दशक में 70,000 करोड़ सड़क基础设施 पर खर्च हुए, जबकि इस वर्ष 10,000 करोड़ रेल विकास पर आवंटित हैं।[2]

राजनीतिक गतिविधियां भी जोरों पर हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की 61वीं राज्य परिषद में भाग लिया, जो 28 दिसंबर तक चली। उन्होंने जाति से ऊपर उठकर विकास पर फोकस करने की बात कही।[8] एक अन्य खबर में, बीकानेर के पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास जारी हैं, हालांकि यह जिला-विशेष नहीं बल्कि राज्य स्तर का लगता है।[1]

ये घटनाएं बीकानेर को ऊर्जा हब के रूप में स्थापित करने के साथ-साथ सामाजिक चुनौतियों को भी रेखांकित करती हैं। सोलर प्रोजेक्ट से स्थानीय रोजगार बढ़ेगा, जबकि अजय गोदारा की घटना विदेश यात्रा के जोखिमों पर बहस छेड़ेगी। जिला प्रशासन और केंद्र सरकार के प्रयासों से बीकानेर का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है। (शब्द संख्या: 498)
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