Bundi में जबरन धर्मांतरण का मामला गरमाया, प्रशासन ने जांच शुरू की
28 Dec, 2025
Bundi, Rajasthan
बूंदी जिले में कथित जबरन धर्मांतरण की घटनाओं ने स्थानीय स्तर पर तनाव बढ़ा दिया है। हाल ही में बूंदी और बीकानेर जिलों में दर्ज हुई शिकायतों के बाद राजस्थान प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। बूंदी में एक चर्च के बाहर हिंदू संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने पादरी पर प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया।[8] स्थानीय लोगों का कहना है कि गरीब परिवारों को आर्थिक लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिससे इलाके में आक्रोश फैल गया है। प्रशासन ने तत्काल जांच टीम गठित की है और संबंधित पक्षों से बयान दर्ज कराए जा रहे हैं। जिला मजिस्ट्रेट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार के अवैध धर्मांतरण पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।[8]
यह मामला राजस्थान के अन्य हिस्सों में भी चर्चा का विषय बन गया है, खासकर जब राज्य में शीत लहर और ठंड का प्रकोप जारी है। मौसम विभाग ने बूंदी सहित पूरे राजस्थान में अगले 2-3 दिनों तक शीत लहर का अलर्ट जारी किया है। माउंट आबू में रिकॉर्ड तोड़ ठंड दर्ज की गई है, जबकि बूंदी के निचले इलाकों में भी तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री नीचे चला गया है।[1][3] किसान और ग्रामीण इस ठंड से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि रबी फसल की बुआई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने किसानों के लिए कृषि बीमा, फसल विविधीकरण और पशुपालन सहायता पर जोर दिया है।[1][3]
बूंदी जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास भी तेज हो गए हैं। प्रसिद्ध बूंदी किले, रणनीतिक झीलों और स्थापत्य चमत्कारों के कारण यह पर्यटन स्थल नए साल के अवसर पर पर्यटकों से भरने की उम्मीद है। हालांकि, अरावली पर्वतमाला में अवैध खनन के खिलाफ चल रहे अभियान ने स्थानीय स्तर पर बहस छेड़ दी है। राज्य सरकार ने 20 जिलों में 'सेव अरावली' ड्राइव चलाई है, जिसमें बूंदी के आसपास के इलाकों में रास्ते खाली कराए गए हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं।[3]
पिछले कुछ महीनों में बूंदी में कई दुखद घटनाएं भी सुर्खियों में रहीं, जैसे हाई-टेंशन तार से परिवार के तीन सदस्यों की मौत, ट्रैक्टर दुर्घटना में दो लोगों की जान जाना।[2] लेकिन वर्तमान में धर्मांतरण विवाद सबसे बड़ा मुद्दा है। स्थानीय हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन कार्रवाई नहीं लेता तो बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं और सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वालों पर नजर रखी जा रही है।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने हाल ही में रेवेन्यू और प्रशासनिक विभागों को 2025-26 के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सद्भाव पर विशेष बल दिया गया है।[1] बूंदी के निवासी उम्मीद कर रहे हैं कि यह जांच जल्द पूरी हो और दोषियों को सजा मिले। जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि, पर्यटन और हस्तशिल्प पर टिकी है, इसलिए शांति बनाए रखना जरूरी है। नए साल से पहले यह घटना स्थानीय राजनीति को भी प्रभावित कर सकती है। कुल मिलाकर, बूंदी में शीत लहर के साथ-साथ सामाजिक मुद्दे भी गर्म हैं। (शब्द संख्या: 498)
यह मामला राजस्थान के अन्य हिस्सों में भी चर्चा का विषय बन गया है, खासकर जब राज्य में शीत लहर और ठंड का प्रकोप जारी है। मौसम विभाग ने बूंदी सहित पूरे राजस्थान में अगले 2-3 दिनों तक शीत लहर का अलर्ट जारी किया है। माउंट आबू में रिकॉर्ड तोड़ ठंड दर्ज की गई है, जबकि बूंदी के निचले इलाकों में भी तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री नीचे चला गया है।[1][3] किसान और ग्रामीण इस ठंड से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि रबी फसल की बुआई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने किसानों के लिए कृषि बीमा, फसल विविधीकरण और पशुपालन सहायता पर जोर दिया है।[1][3]
बूंदी जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास भी तेज हो गए हैं। प्रसिद्ध बूंदी किले, रणनीतिक झीलों और स्थापत्य चमत्कारों के कारण यह पर्यटन स्थल नए साल के अवसर पर पर्यटकों से भरने की उम्मीद है। हालांकि, अरावली पर्वतमाला में अवैध खनन के खिलाफ चल रहे अभियान ने स्थानीय स्तर पर बहस छेड़ दी है। राज्य सरकार ने 20 जिलों में 'सेव अरावली' ड्राइव चलाई है, जिसमें बूंदी के आसपास के इलाकों में रास्ते खाली कराए गए हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं।[3]
पिछले कुछ महीनों में बूंदी में कई दुखद घटनाएं भी सुर्खियों में रहीं, जैसे हाई-टेंशन तार से परिवार के तीन सदस्यों की मौत, ट्रैक्टर दुर्घटना में दो लोगों की जान जाना।[2] लेकिन वर्तमान में धर्मांतरण विवाद सबसे बड़ा मुद्दा है। स्थानीय हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन कार्रवाई नहीं लेता तो बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं और सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वालों पर नजर रखी जा रही है।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने हाल ही में रेवेन्यू और प्रशासनिक विभागों को 2025-26 के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सद्भाव पर विशेष बल दिया गया है।[1] बूंदी के निवासी उम्मीद कर रहे हैं कि यह जांच जल्द पूरी हो और दोषियों को सजा मिले। जिले की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि, पर्यटन और हस्तशिल्प पर टिकी है, इसलिए शांति बनाए रखना जरूरी है। नए साल से पहले यह घटना स्थानीय राजनीति को भी प्रभावित कर सकती है। कुल मिलाकर, बूंदी में शीत लहर के साथ-साथ सामाजिक मुद्दे भी गर्म हैं। (शब्द संख्या: 498)