Heavy Rains, District Development Focus and Cultural Pride Dominate Beawar Discourse
28 Dec, 2025 Beawar, Rajasthan
ब्यावर ज़िले में पिछले कुछ दिनों से मौसम और विकास दोनों मोर्चों पर तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है, जिससे स्थानीय जनजीवन, प्रशासनिक गतिविधियों और राजनीतिक हलचलों में नई सरगर्मी आ गई है। हालिया तेज बारिश, डिग्गी मोहल्ला जैसे निचले इलाकों में जलभराव और आगामी दिनों के लिए जारी मौसम चेतावनियों ने नगर प्रशासन को अलर्ट मोड पर ला दिया है, वहीं “ब्यावर गौरव सम्मान–2025” जैसे आयोजनों ने जिले की नई पहचान और उपलब्धियों को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने की भूमिका निभाई है।[1][2][3]
ब्यावर शहर के डिग्गी मोहल्ला क्षेत्र में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश के बाद पानी भर जाने से लोगों को घंटों तक जलमग्न सड़कों पर फंसे रहना पड़ा। स्थानीय बाशिंदों के मुताबिक, बरसात रुकने के बाद भी लंबे समय तक पानी नहीं निकला, जिससे घरों में रिसाव, दुकानों में सामान खराब होने और आवागमन पूरी तरह बाधित रहने जैसी दिक्कतें सामने आईं।[3] इस जलभराव ने शहर की जल निकासी व्यवस्था, नाले–नालियों की सफाई और निचले इलाकों के लिए दीर्घकालिक मास्टर प्लान की जरूरत पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
इधर, राजस्थान मौसम विभाग से जुड़ी ताज़ा ब्रीफिंग में प्रदेश के कई जिलों के साथ ब्यावर क्षेत्र के मौसम का भी ज़िक्र किया गया, जिसमें बताया गया कि अगले चक्र में ज्यादातर इलाकों में मौसम साफ और सामान्य रहने का अनुमान है, हालांकि कुछ हिस्सों में हवा की रफ़्तार सामान्य से अधिक रह सकती है।[2] रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया कि विशेष भारी बारिश या वज्रपात की व्यापक आशंका फिलहाल नहीं है, लेकिन फलौदी, झुंझुनूं, **ब्यावर**, जयपुर, नीमकाथाना, अलवर, दुदू, खैरथल और सिरोही जैसे क्षेत्रों में बादलों की आवाजाही बनी रह सकती है और स्थानीय प्रशासन को एहतियाती रूप से अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।[2] हाल की बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए ब्यावर नगर परिषद ने जलभराव–संवेदनशील पॉकेट्स की नई सूची तैयार करने और बरसाती नालों की मैपिंग पर जोर दिया है, ताकि अगली बारिश से पहले सुधारात्मक काम पूरे किए जा सकें।
इसी बीच, “ब्यावर गौरव सम्मान–2025” कार्यक्रम ने जिले की सामाजिक–सांस्कृतिक सक्रियता को नई ऊंचाई दी। इस समारोह में मसूदा विधायक वीरेंद्र सिंह कनावत ने अपने संबोधन में ब्यावर को नया ज़िला घोषित होने के बाद दो वर्षों में हुए तेज विकास कार्यों का विशेष उल्लेख किया।[1] उन्होंने कहा कि कलेक्टर कमल राम मीणा, संभागीय आयुक्त शक्ति सिंह, स्थानीय एसपी रतन सिंह, एसडीओ दिव्यांश और सीओ पवन अरोड़ा जैसे अधिकारियों की टीम वर्क से जिले ने विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।[1]
अपने भाषण में कनावत ने याद दिलाया कि ब्रिटिश दौर से ही ब्यावर व्यापार, उद्योग और शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है, लेकिन अब इसे मारवाड़ की विरासत और आधुनिक अवसंरचना, दोनों के संगम के रूप में विकसित किया जा रहा है।[1] उन्होंने युवाओं के लिए रोजगार अवसर, पारदर्शी शासन, ग्राम–स्तर तक पहुंचने वाली कल्याणकारी योजनाओं और सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य तथा शिक्षा से जुड़े प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई।[1]
ब्यावर गौरव सम्मान मंच के माध्यम से समाजसेवा, शिक्षा, कला, उद्यमिता और खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले स्थानीय प्रतिभाओं और संस्थाओं को सम्मानित किया गया, जिससे शहर में “लोकल रोल मॉडल” की नई परंपरा को बढ़ावा मिला है।[1] समारोह में मौजूद सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने मांग रखी कि भविष्य की विकास योजनाओं में जलभराव ग्रस्त शहरी बस्तियों, ग्रामीण सड़क नेटवर्क, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के उन्नयन और कौशल विकास केंद्रों को प्राथमिकता दी जाए, ताकि हाल की बारिश से उजागर हुई कमजोरियों को अवसर में बदला जा सके।
स्थानीय स्तर पर राजनीतिक हलचलों और विकास बहसों के बीच आम नागरिकों के लिए तत्काल चिंता का विषय जलभराव से राहत, सड़कों की मरम्मत और स्वच्छता है। डिग्गी मोहल्ला सहित कई इलाकों में निवासियों ने स्थायी समाधान की मांग करते हुए कहा है कि हर बार बरसात के साथ दोहराए जाने वाले संकट को ‘प्राकृतिक आपदा’ मानकर छोड़ देने के बजाय, वैज्ञानिक शहरी योजना और समयबद्ध परियोजनाओं के ज़रिए जड़ से हल किया जाए।[3] प्रशासन की ओर से अस्थायी पंपिंग, सड़क पर असमानता दुरुस्त करने और नालों की सफाई जैसे उपाय शुरू किए गए हैं, लेकिन लोग अब दीर्घकालिक विजन डॉक्यूमेंट और उसकी सार्वजनिक टाइमलाइन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।