Sri Ganganagar Schools Warned Against Forcing Santa Claus Costumes on Students
28 Dec, 2025 Ganganagar, Rajasthan
श्रीगंगानगर, राजस्थान। क्रिसमस के अवसर पर छात्रों को सांता क्लॉज के वेश में सजाने को लेकर जिले के निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी जारी की गई है। जिला शिक्षा विभाग ने 22 दिसंबर को आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि यदि किसी छात्र को बिना माता-पिता की सहमति के सांता क्लॉज का ड्रेस पहनने के लिए मजबूर किया गया, तो संबंधित स्कूल पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश श्रीगंगानगर के अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी अशोक वाधवा ने जारी किया है।[1][2][3][4]
इस मामले की शुरुआत भारत-तिब्बत सहयोग मंच द्वारा शिक्षा अधिकारियों को दी गई शिकायत से हुई। संगठन ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों से कुछ निजी स्कूल छात्रों पर सांता क्लॉज के परिधान पहनने का दबाव डाल रहे हैं, जिससे अभिभावकों में असंतोष बढ़ रहा है। संगठन ने तर्क दिया कि श्रीगंगानगर जिले में हिंदू-सिख बहुल आबादी होने के कारण शैक्षणिक संस्थानों को किसी विशेष परंपरा से जुड़े रीति-रिवाजों को थोपना उचित नहीं है। शिक्षा अधिकारी वाधवा ने स्पष्ट किया कि माता-पिता और बच्चों की सहमति से क्रिसमस संबंधी गतिविधियां आयोजित करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जबरदस्ती बर्दाश्त नहीं की जाएगी।[1]
यह विवाद राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि क्रिसमस की तैयारियां पूरे देश में जोर-शोर से चल रही हैं। आमतौर पर स्कूलों में बच्चे सांता क्लॉज के ड्रेस में उत्सव मनाते नजर आते हैं, लेकिन श्रीगंगानगर में यह प्रथा विवादास्पद हो गई। शिक्षा विभाग का यह कदम अभिभावकों के अधिकारों की रक्षा करने वाला माना जा रहा है। जिले के कई अभिभावकों ने इस आदेश का स्वागत किया है। एक अभिभावक ने कहा, "हमारी संस्कृति और धार्मिक भावनाओं का सम्मान होना चाहिए। स्कूलों को जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।"
वहीं, इस घटना ने धार्मिक स्वतंत्रता पर व्यापक बहस छेड़ दी है। कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) ने क्रिसमस के दौरान ईसाइयों पर हमलों की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई है। बिशप्स ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक दृष्टिबाधित महिला के साथ दुर्व्यवहार का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार से अपील की है कि धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाए। हालांकि, श्रीगंगानगर का मामला जबरदस्ती के खिलाफ है, न कि उत्सव के विरुद्ध।[1]
श्रीगंगानगर जिला, जो पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ है, अपनी कृषि समृद्धि और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है। यहां के स्कूल शिक्षा के साथ-साथ स्थानीय परंपराओं को बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं। शिक्षा विभाग ने सभी स्कूल प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं कि वे अभिभावकों से लिखित सहमति लें। यदि कोई शिकायत मिली, तो तत्काल जांच कराई जाएगी। यह आदेश न केवल क्रिसमस तक सीमित है, बल्कि भविष्य के किसी भी धार्मिक आयोजन पर लागू होगा।
जिले में अन्य ट्रेंडिंग मुद्दों में राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा पाकिस्तान सीमा के निकट नए भारतीय वायुसेना एयरबेस के लिए रास्ता साफ करना शामिल है। कोर्ट के इस फैसले से सीमावर्ती सुरक्षा मजबूत होगी। लेकिन सांता क्लॉज विवाद ने सोशल मीडिया पर जोरदार बहस छेड़ दी है, जहां लोग धार्मिक संवेदनशीलता और उत्सव की स्वतंत्रता पर राय रख रहे हैं। शिक्षा विभाग की इस पहल से जिले के स्कूलों में सतर्कता बढ़ गई है। कुल मिलाकर, यह घटना सांस्कृतिक संतुलन की आवश्यकता को रेखांकित करती है। (शब्द संख्या: ५१२)