Jaisalmer Bus Fire Tragedy: Death Toll Climbs to 27 as Rescue Efforts Continue
27 Dec, 2025
Jaisalmer, Rajasthan
जैसलमेर जिले में भयंकर बस हादसे ने पूरे राजस्थान को सदमे में डाल दिया है। जयपुर-जोधपुर मार्ग पर थियाट गांव के पास एक प्राइवेट स्लीपर बस में अचानक भीषण आग लगने से 27 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायल हैं। यह हादसा मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे हुआ, जब जैसलमेर से जोधपुर जा रही केके ट्रेवल्स की बस (आरजे 09 पीए 8040) में पीछे के हिस्से से धुआं निकलने लगा। ड्राइवर ने बस को सड़क किनारे रोका, लेकिन कुछ ही पलों में आग ने पूरे वाहन को लपेट लिया। बस में 57 यात्री सवार थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।[1][4][5]
आंखों देखा हाल बताते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि आग इतनी तेज थी कि यात्री चीखते-चिल्लाते बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन ज्यादातर फंस गए। ग्रामीणों और राहगीरों ने जान जोखिम में डालकर यात्रियों को बचाया, जब तक फायर ब्रिगेड और पुलिस टीमें मौके पर नहीं पहुंचीं। जैसलमेर के एडिशनल एसपी कैलाश धन ने बताया कि बचाव कार्य जारी है और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। जोधपुर पुलिस कमिश्नर ओम प्रकाश पासवान के अनुसार, 16 घायल यात्रियों को जोधपुर लाया गया, जहां 15 महात्मा गांधी अस्पताल और एक श्री राम अस्पताल में भर्ती हैं।[1][3]
मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। शुरुआत में 20 बताई गई संख्या अब 27 हो चुकी है। 19 यात्री मौके पर ही जलकर राख हो गए। जैसलमेर के 79 वर्षीय हुसैन खान जोधपुर जाते समय रास्ते में दम तोड़ चुके थे, जबकि 10 वर्षीय यूनुस नामक बालक ने महात्मा गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा। डीएनए टेस्टिंग से शवों की पहचान हो रही है। जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल के कॉटेज 4 और 5 तथा जैसलमेर के जवाहर अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रिश्तेदारों के सैंपल लिए जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि परिजन जानकारी ले सकें।[1][5][7]
इस दुखद घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "जैसलमेर में बस आगजनी से हुई मौतों का समाचार हृदय विदारक है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक संदेश जारी कर पीएमएनआरएफ से मृतकों के परिजनों को 2 लाख तथा घायलों को 50 हजार रुपये की अनुदान की घोषणा की। उन्होंने कहा, "जैसलमेर हादसे से व्यथित। प्रभावितों के साथ खड़े हैं।"[1]
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे वाली जगह का दौरा किया और अधिकारियों से बचाव कार्य की समीक्षा की। उन्होंने एक्स पर लिखा, "यह हृदय विदारक घटना है। प्रभावितों को हर संभव सहायता का निर्देश। राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ दृढ़ता से खड़ी है।" घायलों को बेहतर इलाज का आदेश दिया गया है। पुलिस जांच में पता चला कि बस का पिछला हिस्सा शॉर्ट सर्किट या ईंधन लीक से आग लगी हो सकती है। परिवहन विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं ताकि दोबारा ऐसी घटना न हो।[1][3]
जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर यातायात सुचारू है, लेकिन स्थानीय लोग सदमे में हैं। यह हादसा सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है। एसी स्लीपर बसों में आग बुझाने के उपकरण अनिवार्य होने चाहिए। पीड़ित परिवार न्याय और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। प्रशासन ने शवों के पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार की व्यवस्था की है। यह जैसलमेर जिले की त्रासदी पूरे देश को झकझोर रही है। (शब्द संख्या: 512)
आंखों देखा हाल बताते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि आग इतनी तेज थी कि यात्री चीखते-चिल्लाते बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन ज्यादातर फंस गए। ग्रामीणों और राहगीरों ने जान जोखिम में डालकर यात्रियों को बचाया, जब तक फायर ब्रिगेड और पुलिस टीमें मौके पर नहीं पहुंचीं। जैसलमेर के एडिशनल एसपी कैलाश धन ने बताया कि बचाव कार्य जारी है और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। जोधपुर पुलिस कमिश्नर ओम प्रकाश पासवान के अनुसार, 16 घायल यात्रियों को जोधपुर लाया गया, जहां 15 महात्मा गांधी अस्पताल और एक श्री राम अस्पताल में भर्ती हैं।[1][3]
मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। शुरुआत में 20 बताई गई संख्या अब 27 हो चुकी है। 19 यात्री मौके पर ही जलकर राख हो गए। जैसलमेर के 79 वर्षीय हुसैन खान जोधपुर जाते समय रास्ते में दम तोड़ चुके थे, जबकि 10 वर्षीय यूनुस नामक बालक ने महात्मा गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा। डीएनए टेस्टिंग से शवों की पहचान हो रही है। जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल के कॉटेज 4 और 5 तथा जैसलमेर के जवाहर अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रिश्तेदारों के सैंपल लिए जा रहे हैं। जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि परिजन जानकारी ले सकें।[1][5][7]
इस दुखद घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "जैसलमेर में बस आगजनी से हुई मौतों का समाचार हृदय विदारक है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक संदेश जारी कर पीएमएनआरएफ से मृतकों के परिजनों को 2 लाख तथा घायलों को 50 हजार रुपये की अनुदान की घोषणा की। उन्होंने कहा, "जैसलमेर हादसे से व्यथित। प्रभावितों के साथ खड़े हैं।"[1]
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे वाली जगह का दौरा किया और अधिकारियों से बचाव कार्य की समीक्षा की। उन्होंने एक्स पर लिखा, "यह हृदय विदारक घटना है। प्रभावितों को हर संभव सहायता का निर्देश। राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ दृढ़ता से खड़ी है।" घायलों को बेहतर इलाज का आदेश दिया गया है। पुलिस जांच में पता चला कि बस का पिछला हिस्सा शॉर्ट सर्किट या ईंधन लीक से आग लगी हो सकती है। परिवहन विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं ताकि दोबारा ऐसी घटना न हो।[1][3]
जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर यातायात सुचारू है, लेकिन स्थानीय लोग सदमे में हैं। यह हादसा सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है। एसी स्लीपर बसों में आग बुझाने के उपकरण अनिवार्य होने चाहिए। पीड़ित परिवार न्याय और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। प्रशासन ने शवों के पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार की व्यवस्था की है। यह जैसलमेर जिले की त्रासदी पूरे देश को झकझोर रही है। (शब्द संख्या: 512)