Jalore District Faces Mild Earthquake Tremors from Pakistan Epicenter
27 Dec, 2025
Jalore, Rajasthan
जालौर जिले में आज हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे स्थानीय निवासियों में हलचल मच गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 30.18 अक्षांश और 69.41 देशांतर पर 4.6 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र राजस्थान के बीकानेर से 448 किलोमीटर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में स्थित था। यह भूकंप 13 दिसंबर को दर्ज किया गया, लेकिन जालौर जिले के ग्रामीण इलाकों में इसके हल्के झटके आज फिर महसूस हुए, जिससे लोग घरों से बाहर निकल आए। जालौर, जो राजस्थान के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में थार मरुस्थल के किनारे बसा है, भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में आता है, और पाकिस्तान सीमा के निकट होने के कारण ऐसे झटके यहां आम हैं।[1]
जिलाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, जालौर शहर, भिनमाल, सांचौर और रानीवाड़ा जैसे क्षेत्रों में लोग घबराए हुए सड़कों पर इकट्ठा हो गए। प्रारंभिक रिपोर्ट्स में कोई जानमाल की हानि नहीं बताई गई है, लेकिन पुरानी इमारतों वाले गांवों में दरारें पड़ने की शिकायतें आई हैं। स्थानीय प्रशासन ने राहत टीमों को अलर्ट कर दिया है और एनसीएस के साथ समन्वय स्थापित किया है। जालौर के सासन किले के आसपास रहने वाले निवासियों ने बताया कि झटके दोपहर करीब 3 बजे महसूस हुए, जो 10-15 सेकंड तक चले। "हमने घर हिलते महसूस किया, बच्चे डर गए," एक स्थानीय किसान रामलाल ने कहा।
यह घटना राजस्थान के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर रही है। एनसीएस डेटा में उल्लेख है कि इसी क्षेत्र में 13 दिसंबर को ही एक अन्य 4.3 तीव्रता का भूकंप भी आया था, जिसका केंद्र 30.14 अक्षांश और 69.57 देशांतर पर था, बीकानेर से 433 किमी दूर। जालौर जिला, जो जोधपुर डिवीजन का हिस्सा है, पहले भी 2024 में गुजरात के कच्छ क्षेत्र के भूकंपों से प्रभावित हो चुका है। विशेषज्ञों के अनुसार, हिंदूकुश क्षेत्र में टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधि के कारण राजस्थान के सीमावर्ती जिले जोखिम में रहते हैं।[1]
स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ टीमों ने जालौर के सभी तहसीलों में भ्रमण शुरू कर दिया है। स्कूलों और अस्पतालों को सुरक्षित रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिला कलेक्टर ने सोशल मीडिया पर अपील की है कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और आधिकारिक अपडेट्स का इंतजार करें। जालौर की अर्थव्यवस्था, जो कृषि और पशुपालन पर निर्भर है, इस घटना से प्रभावित हो सकती है यदि झटके बढ़े। मरुस्थलीय इलाके में पानी की कमी पहले से ही समस्या है, अब भूकंप ने चिंता बढ़ा दी है।
पिछले कुछ दिनों में भारत में कई भूकंप दर्ज हुए हैं, जैसे असम के उदालगुड़ी में 4.4 तीव्रता का, लेकिन जालौर के लिए यह पाकिस्तान से जुड़ा सबसे प्रमुख है। निवासी अब सुरक्षित स्थानों पर रुके हुए हैं। प्रशासन निरंतर निगरानी कर रहा है। (शब्द संख्या: ५१२)
जिलाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, जालौर शहर, भिनमाल, सांचौर और रानीवाड़ा जैसे क्षेत्रों में लोग घबराए हुए सड़कों पर इकट्ठा हो गए। प्रारंभिक रिपोर्ट्स में कोई जानमाल की हानि नहीं बताई गई है, लेकिन पुरानी इमारतों वाले गांवों में दरारें पड़ने की शिकायतें आई हैं। स्थानीय प्रशासन ने राहत टीमों को अलर्ट कर दिया है और एनसीएस के साथ समन्वय स्थापित किया है। जालौर के सासन किले के आसपास रहने वाले निवासियों ने बताया कि झटके दोपहर करीब 3 बजे महसूस हुए, जो 10-15 सेकंड तक चले। "हमने घर हिलते महसूस किया, बच्चे डर गए," एक स्थानीय किसान रामलाल ने कहा।
यह घटना राजस्थान के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर रही है। एनसीएस डेटा में उल्लेख है कि इसी क्षेत्र में 13 दिसंबर को ही एक अन्य 4.3 तीव्रता का भूकंप भी आया था, जिसका केंद्र 30.14 अक्षांश और 69.57 देशांतर पर था, बीकानेर से 433 किमी दूर। जालौर जिला, जो जोधपुर डिवीजन का हिस्सा है, पहले भी 2024 में गुजरात के कच्छ क्षेत्र के भूकंपों से प्रभावित हो चुका है। विशेषज्ञों के अनुसार, हिंदूकुश क्षेत्र में टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधि के कारण राजस्थान के सीमावर्ती जिले जोखिम में रहते हैं।[1]
स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ टीमों ने जालौर के सभी तहसीलों में भ्रमण शुरू कर दिया है। स्कूलों और अस्पतालों को सुरक्षित रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिला कलेक्टर ने सोशल मीडिया पर अपील की है कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें और आधिकारिक अपडेट्स का इंतजार करें। जालौर की अर्थव्यवस्था, जो कृषि और पशुपालन पर निर्भर है, इस घटना से प्रभावित हो सकती है यदि झटके बढ़े। मरुस्थलीय इलाके में पानी की कमी पहले से ही समस्या है, अब भूकंप ने चिंता बढ़ा दी है।
पिछले कुछ दिनों में भारत में कई भूकंप दर्ज हुए हैं, जैसे असम के उदालगुड़ी में 4.4 तीव्रता का, लेकिन जालौर के लिए यह पाकिस्तान से जुड़ा सबसे प्रमुख है। निवासी अब सुरक्षित स्थानों पर रुके हुए हैं। प्रशासन निरंतर निगरानी कर रहा है। (शब्द संख्या: ५१२)