अलवर में ठंड की लहर तेज, नोमो भारत रैपिड रेल से दिल्ली-अलवर यात्रा मात्र 117 मिनट में
27 Dec, 2025
Alwar, Rajasthan
अलवर जिले में आज ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। मौसम विभाग के अनुसार, राजस्थान के पूर्वोत्तर जिलों में शीतलहर का असर जोर पकड़ चुका है, जिसमें अलवर, सीकर, चूरू, झुंझुनू, नागौर, करौली, धौलपुर और भरतपुर शामिल हैं। पिछले दो दिनों में अलवर सहित इन जिलों के तापमान में 5-6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। सुबह-शाम की ठंडक आमजन को घरों में कैद कर रही है, जबकि अलवर के कई इलाकों में पतली बर्फ की परत देखी गई। मौसम केंद्र ने अगले 3-4 दिनों तक तीव्र ठंड और शीतलहर की चेतावनी जारी करते हुए 11 जिलों के लिए येलो अलर्ट घोषित किया है।[2][6] अलवरवासियों को सलाह दी गई है कि गर्म कपड़े पहनें, धुंध में सावधानी बरतें और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां अपनाएं।
इसी बीच अलवर के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। दिल्ली से अलवर तक नोमो भारत रैपिड रेल (आरआरटीएस) परियोजना 2027 तक चालू हो जाएगी, जिससे 164 किलोमीटर की दूरी मात्र 117 मिनट में तय हो सकेगी। रैपिड रेल 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी। यह परियोजना सवाई काले खान (दिल्ली) से मानेसर, रेवाड़ी और अलवर को जोड़ेगी। कुल 22 स्टेशन होंगे, जिनमें 5 भूमिगत। चरणबद्ध तरीके से निर्माण हो रहा है: चरण-1 सवाई काले खान-गुरुग्राम-धरूहेरा (70.72 किमी), चरण-2 धरूहेरा-एसएनबी (36 किमी), चरण-3 एसएनबी-भिवाड़ी-सोताना (35 किमी) और चरण-4 एसएनबी-अलवर (58 किमी)। 37 हजार करोड़ की लागत से बन रही इस परियोजना का कार्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम कर रहा है, जिसमें केंद्र, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकारें साझीदार हैं। 2030 तक प्रतिदिन 8.5 लाख यात्री यात्रा करेंगे। राजस्थान के मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास ने हाल ही में दिल्ली-गाजियाबाद-मीरट कॉरिडोर का दौरा किया, जहां 27 किमी का सफर 160 किमी/घंटा रफ्तार से तय हुआ।[3]
अलवर जिले में पानी की किल्लत भी एक बड़ी समस्या बन रही है। जिले में भूजल निकासी मुख्य रूप से सिंचाई के कारण भंडारण क्षमता से दोगुनी हो गई है, जिससे जल संकट गहरा रहा है। पेयजल कंपनियों सहित उद्योगों पर इसका असर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्षा जल संचयन और कुशल सिंचाई पर जोर देना जरूरी है।[7][8]
स्थानीय स्तर पर अलवर में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास तेज हैं। हालिया बैठकों में फैसला लिया गया कि प्रमुख पर्यटन स्थलों को रात 12:30 बजे तक खुला रखा जाएगा, जिससे पर्यटकों और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। हालांकि, ठंड के कारण फिलहाल सतर्कता बरतनी होगी।[1]
अलवर जिले के ग्रामीण इलाकों में किसान शक्ति केंद्र सक्रिय हैं, जो किसानों को योजनाओं का लाभ दिला रहे हैं। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की सरकार ने कई पुरानी योजनाओं को निरस्त कर नई पहल शुरू की हैं। साथ ही, शिक्षा विभाग ने क्रिसमस पर स्कूलों में छुट्टी का सख्त आदेश दिया है।[1]
कुल मिलाकर, अलवर में मौसम, परिवहन और जल संकट प्रमुख मुद्दे हैं। जनता को सतर्क रहने की अपील की गई है। (शब्द संख्या: 498)
इसी बीच अलवर के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। दिल्ली से अलवर तक नोमो भारत रैपिड रेल (आरआरटीएस) परियोजना 2027 तक चालू हो जाएगी, जिससे 164 किलोमीटर की दूरी मात्र 117 मिनट में तय हो सकेगी। रैपिड रेल 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेगी। यह परियोजना सवाई काले खान (दिल्ली) से मानेसर, रेवाड़ी और अलवर को जोड़ेगी। कुल 22 स्टेशन होंगे, जिनमें 5 भूमिगत। चरणबद्ध तरीके से निर्माण हो रहा है: चरण-1 सवाई काले खान-गुरुग्राम-धरूहेरा (70.72 किमी), चरण-2 धरूहेरा-एसएनबी (36 किमी), चरण-3 एसएनबी-भिवाड़ी-सोताना (35 किमी) और चरण-4 एसएनबी-अलवर (58 किमी)। 37 हजार करोड़ की लागत से बन रही इस परियोजना का कार्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम कर रहा है, जिसमें केंद्र, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकारें साझीदार हैं। 2030 तक प्रतिदिन 8.5 लाख यात्री यात्रा करेंगे। राजस्थान के मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास ने हाल ही में दिल्ली-गाजियाबाद-मीरट कॉरिडोर का दौरा किया, जहां 27 किमी का सफर 160 किमी/घंटा रफ्तार से तय हुआ।[3]
अलवर जिले में पानी की किल्लत भी एक बड़ी समस्या बन रही है। जिले में भूजल निकासी मुख्य रूप से सिंचाई के कारण भंडारण क्षमता से दोगुनी हो गई है, जिससे जल संकट गहरा रहा है। पेयजल कंपनियों सहित उद्योगों पर इसका असर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्षा जल संचयन और कुशल सिंचाई पर जोर देना जरूरी है।[7][8]
स्थानीय स्तर पर अलवर में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास तेज हैं। हालिया बैठकों में फैसला लिया गया कि प्रमुख पर्यटन स्थलों को रात 12:30 बजे तक खुला रखा जाएगा, जिससे पर्यटकों और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। हालांकि, ठंड के कारण फिलहाल सतर्कता बरतनी होगी।[1]
अलवर जिले के ग्रामीण इलाकों में किसान शक्ति केंद्र सक्रिय हैं, जो किसानों को योजनाओं का लाभ दिला रहे हैं। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की सरकार ने कई पुरानी योजनाओं को निरस्त कर नई पहल शुरू की हैं। साथ ही, शिक्षा विभाग ने क्रिसमस पर स्कूलों में छुट्टी का सख्त आदेश दिया है।[1]
कुल मिलाकर, अलवर में मौसम, परिवहन और जल संकट प्रमुख मुद्दे हैं। जनता को सतर्क रहने की अपील की गई है। (शब्द संख्या: 498)