Pratapgarh Police Rescues 53 Tribal Labourers from Bonded Captivity in Maharashtra
28 Dec, 2025
Pratapgarh, Rajasthan
प्रतापगढ़ जिले की पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए महाराष्ट्र के सोलापुर जिले से 53 आदिवासी मजदूरों को बंधुआ मजदूरी की कैद से मुक्त कराया है। यह अभियान 'ऑपरेशन विश्वास' के तहत चलाया गया, जिसमें 13 महिलाएं और 40 पुरुष शामिल थे। ये मजदूर प्रतापगढ़ जिले के आदिवासी समुदाय से थे, जिन्हें नौकरी का झांसा देकर महाराष्ट्र ले जाया गया था। वहां इन्हें गन्ने के खेतों में बंधुआ मजदूर की तरह काम करने पर मजबूर किया गया।[3][4][5]
प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक बी. आदित्य के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेंद्र सिंह जोधा के मार्गदर्शन में घाटोली थाने के सब-इंस्पेक्टर सोहनलाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। मजदूरों को झूठे वादों के साथ भर्ती एजेंटों द्वारा लालच दिया गया था, लेकिन पहुंचने के बाद उनके वेतन-भत्ते न दिए गए और उन्हें कैद कर लिया गया। खाने-पीने और यात्रा के लिए पैसे न होने के कारण मजदूर परेशान थे। पुलिस ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की मदद से सभी मजदूरों के लिए वापसी की यात्रा और अन्य सुविधाओं का इंतजाम किया। सभी को सुरक्षित रूप से प्रतापगढ़ लाया गया और उनके गांवों तक पहुंचाया जाएगा।[3][5][6]
यह घटना जिले में ट्रैफिकिंग और बंधुआ मजदूरी के खिलाफ पुलिस की सतर्कता को दर्शाती है। पुलिस ने बताया कि मजदूरों को न केवल शारीरिक शोषण का शिकार बनाया गया, बल्कि मानसिक रूप से भी तोड़ा गया। बचाव के बाद सभी मजदूरों का मेडिकल चेकअप कराया गया और उन्हें सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। जांच में एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें मानव तस्करी के आरोप लगाए जाएंगे। प्रतापगढ़ जिला, जो आदिवासी बहुल क्षेत्र है, में ऐसी घटनाएं आम हैं, जहां गरीबी के कारण लोग झूठे वादों के जाल में फंस जाते हैं।[4][6]
इस कार्रवाई से जिले के आदिवासी समुदाय में उत्साह है। स्थानीय लोगों ने पुलिस की तारीफ की है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर नजर रखी जाएगी और जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। यह बचाव राज्य स्तर पर ट्रेंडिंग न्यूज बन गया है, क्योंकि यह श्रमिकों के शोषण के खिलाफ एक मिसाल कायम करता है। प्रतापगढ़ पुलिस की यह सफलता न केवल जिले का मान बढ़ाती है, बल्कि अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा स्रोत है।[3][5]
इस बीच, जिले में ठंड की लहर और कोहरे का प्रकोप जारी है, जो यात्रा को प्रभावित कर रहा है। हालांकि, मजदूरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि संदिग्ध नौकरी के प्रस्तावों पर सावधानी बरतें और थाने में शिकायत दर्ज कराएं। यह घटना राजस्थान के अन्य जिलों में चल रहे अरावली बचाओ अभियान और अवैध खनन पर कार्रवाई के बीच आई है, जो राज्य की कानून व्यवस्था को मजबूत करने का संकेत देती है। कुल मिलाकर, यह ट्रेंडिंग लोकल न्यूज प्रतापगढ़ के लिए सकारात्मक खबर है। (शब्द संख्या: ५०२)[1][3][4][5][6]
प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक बी. आदित्य के निर्देशन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेंद्र सिंह जोधा के मार्गदर्शन में घाटोली थाने के सब-इंस्पेक्टर सोहनलाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। मजदूरों को झूठे वादों के साथ भर्ती एजेंटों द्वारा लालच दिया गया था, लेकिन पहुंचने के बाद उनके वेतन-भत्ते न दिए गए और उन्हें कैद कर लिया गया। खाने-पीने और यात्रा के लिए पैसे न होने के कारण मजदूर परेशान थे। पुलिस ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की मदद से सभी मजदूरों के लिए वापसी की यात्रा और अन्य सुविधाओं का इंतजाम किया। सभी को सुरक्षित रूप से प्रतापगढ़ लाया गया और उनके गांवों तक पहुंचाया जाएगा।[3][5][6]
यह घटना जिले में ट्रैफिकिंग और बंधुआ मजदूरी के खिलाफ पुलिस की सतर्कता को दर्शाती है। पुलिस ने बताया कि मजदूरों को न केवल शारीरिक शोषण का शिकार बनाया गया, बल्कि मानसिक रूप से भी तोड़ा गया। बचाव के बाद सभी मजदूरों का मेडिकल चेकअप कराया गया और उन्हें सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। जांच में एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें मानव तस्करी के आरोप लगाए जाएंगे। प्रतापगढ़ जिला, जो आदिवासी बहुल क्षेत्र है, में ऐसी घटनाएं आम हैं, जहां गरीबी के कारण लोग झूठे वादों के जाल में फंस जाते हैं।[4][6]
इस कार्रवाई से जिले के आदिवासी समुदाय में उत्साह है। स्थानीय लोगों ने पुलिस की तारीफ की है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर नजर रखी जाएगी और जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। यह बचाव राज्य स्तर पर ट्रेंडिंग न्यूज बन गया है, क्योंकि यह श्रमिकों के शोषण के खिलाफ एक मिसाल कायम करता है। प्रतापगढ़ पुलिस की यह सफलता न केवल जिले का मान बढ़ाती है, बल्कि अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा स्रोत है।[3][5]
इस बीच, जिले में ठंड की लहर और कोहरे का प्रकोप जारी है, जो यात्रा को प्रभावित कर रहा है। हालांकि, मजदूरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि संदिग्ध नौकरी के प्रस्तावों पर सावधानी बरतें और थाने में शिकायत दर्ज कराएं। यह घटना राजस्थान के अन्य जिलों में चल रहे अरावली बचाओ अभियान और अवैध खनन पर कार्रवाई के बीच आई है, जो राज्य की कानून व्यवस्था को मजबूत करने का संकेत देती है। कुल मिलाकर, यह ट्रेंडिंग लोकल न्यूज प्रतापगढ़ के लिए सकारात्मक खबर है। (शब्द संख्या: ५०२)[1][3][4][5][6]