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सांचौर जिले का दर्जा समाप्त: एक साल बाद भाजपा सरकार का बड़ा फैसला, कांग्रेस ने खड़ा किया विरोध का बिगुल

28 Dec, 2025 Sanchore, Rajasthan
सांचौर, राजस्थान। मात्र एक वर्ष की अल्पायु में अस्तित्व में आए सांचौर जिले का दर्जा समाप्त हो गया है। 28 दिसंबर 2024 को राजस्थान की नई भाजपा सरकार ने कैबिनेट बैठक में यह ऐतिहासिक निर्णय लिया, जिसमें सांचौर सहित नौ नए जिलों को भंग करने का फैसला किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 7 अगस्त 2023 को जालौर जिले से अलग कर बनाए गए इस जिले का सफर अब समाप्त हो चुका है। अगले ही दिन 29 दिसंबर 2024 को अधिसूचना जारी कर सांचौर को जालौर में ही विलय कर दिया गया।[1][5]
इस फैसले से सांचौर की जनता में असंतोष व्याप्त है। स्थानीय निवासी, जिनमें मेघवाल, बिश्नोई, अंजना और राजपूत समुदाय प्रमुख हैं, प्रशासनिक सुविधाओं में कमी की आशंका जता रहे हैं। सांचौर थार मरुस्थल क्षेत्र का महत्वपूर्ण शहर है, जहां समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व है। जिले के भंग होने से स्थानीय विकास योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं। कांग्रेस ने इस निर्णय का कड़ा विरोध जताया है। निम ka थाना और आसपास के क्षेत्रों में रविवार से ही विरोध प्रदर्शन और धरने शुरू हो चुके हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता इसे पूर्ववर्ती सरकार की उपलब्धियों को नष्ट करने का प्रयास बता रहे हैं।[1][5]
भाजपा सरकार ने कुल 17 नए जिलों में से नौ को रद्द किया है, जिनमें जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, सांचौर, शाहपुरा, डूडू, केकड़ी, नीम का थाना, अनूपगढ़ और गंगापुर सिटी शामिल हैं। बाकी आठ जिलों- बालोतरा, ब्यावर, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड़, दीग, खैरताल-तिजारा, सलूंबर और फलोदी को बरकरार रखा गया है। तीन नई संभागों- बांसवाड़ा, पाली और सीकर को भी समाप्त कर दिया गया। सरकार का तर्क है कि ये जिले प्रशासनिक रूप से व्यवहार्य नहीं थे और मूल संभागों में विलय से दक्षता बढ़ेगी।[1][5]
सांचौर में हाल ही अन्य घटनाएं भी चर्चा में हैं। 27 दिसंबर 2025 को टाइल्स व्यापारी का अपहरण एक बड़ी घटना थी। पीड़ित को पीरों की जाल के पास होटल बुलाकर अपहृत किया गया, फिर हेमागुड़ा क्षेत्र में ले जाकर पीटा। अपहरणकर्ताओं ने व्हाट्सएप पर डेढ़ करोड़ की फिरौती मांगी, बाद में 2.5 लाख में सौदा तय किया। सांचौर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर व्यापारी को मुक्त कराया और मुख्य आरोपी लादाराम देवासी को गिरफ्तार किया। एक महिला सहित सात के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। थानाधिकारी नेमाराम के अनुसार, अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।[4]
इसके अलावा, सांचौर में शिक्षा संकट गहरा रहा है। नवंबर 2025 में खबर आई कि जिले के 13 स्कूल शून्य नामांकन के कारण बंद होने की कगार पर हैं। शिक्षा मंत्री के आदेश पर 25 से कम नामांकन वाले स्कूल नजदीकी संस्थानों में विलय होंगे। स्थानीय स्तर पर हड़कंप मच गया है।[3]
पिछले महीनों में आगजनी, अपहरण और अन्य घटनाओं ने सांचौर को सुर्खियों में रखा। सितंबर 2025 में टांपी गांव में चार दुकानें शॉर्ट सर्किट से जलकर राख हो गईं, लूणी नदी ने बुझाने में बाधा डाली। अगस्त में बालोतरा-सांचौर हाईवे पर लापता लड़की का शव मिलने से ग्रामीणों ने हाईवे जाम कर दिया।[3]
जिले के भंग होने से स्थानीय विधायक और जनप्रतिनिधि चिंतित हैं। 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सुखराम विश्नोई विजयी हुए थे। अब प्रशासनिक ढांचा जालौर पर निर्भर होगा, जिससे दूरस्थ क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं। विरोध प्रदर्शन तेज हो रहे हैं, और कांग्रेस बड़े आंदोलन की तैयारी में है। सांचौर की जनता भविष्य की चिंता में डूबी है। (शब्द संख्या: ५१२)
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