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Jodhpur Rural Gears Up For Tourism Push As CM Inaugurates Handicraft Utsav, Rail Connectivity Survey Begins

28 Dec, 2025 Jodhpur Rural, Rajasthan
जोधपुर ग्रामीण ज़िले में पर्यटन और बुनियादी ढांचे को नई रफ्तार देने की कवायद तेज़ हो गई है। जोधपुर शहर में आयोजित हस्तशिल्प उत्सव के उद्घाटन और जनसभा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मौजूदगी का सीधा असर आस-पास के ग्रामीण इलाकों पर भी दिखने लगा है, जहां ग्रामीण पर्यटन, हैंडीक्राफ्ट क्लस्टर और सड़क–रेल कनेक्टिविटी को लेकर नई घोषणाओं और तैयारियों की चर्चा तेज है।[1]

मुख्यमंत्री ने जोधपुर में हस्तशिल्प उत्सव का शुभारंभ करते हुए मारवाड़ की पारंपरिक कारीगरी, लकड़ी, धातु, ऊन और कपड़े पर होने वाले काम की सराहना की और संकेत दिया कि आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसे उत्सवों का दायरा बढ़ाया जाएगा, ताकि गांवों के शिल्पकारों को सीधा बाज़ार मिल सके।[1] जोधपुर ग्रामीण के बाप, देचू, ओसियां और बिलाड़ा क्षेत्र से आए कारीगरों ने मंच के इर्द–गिर्द लगे स्टॉलों पर अपने उत्पाद प्रदर्शित किए और बड़े शहरों से आए ख़रीदारों के साथ सीधे सौदे भी किए। स्थानीय कारीगरों का कहना है कि अगर ऐसे आयोजन नियमित हों तो युवाओं को रोज़गार के लिए बाहर जाने की ज़रूरत कम होगी।

जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों पर भ्रष्टाचार के आरोप दोहराए और कहा कि नई सरकार ग्रामीण बुनियादी ढांचे, सिंचाई और शिक्षा पर ज़्यादा निवेश करेगी।[1] जोधपुर ग्रामीण के कई गांवों से पहुंचे किसानों ने मंच के नीचे खड़े होकर अपनी समस्याएं रखीं—किसी ने सिंचाई के पानी की कमी की बात उठाई, तो किसी ने पशुचार की दिक्कत और सड़कों की ख़राब हालत का मुद्दा सामने रखा। स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि तहसील स्तर पर शिविर लगाकर शिकायतों का समाधान तेज़ी से किया जाएगा।

हस्तशिल्प उत्सव के मंच से दिव्यांगजन कल्याण को लेकर भी पहल की गई। कार्यक्रम में 41 दिव्यांगों को मोटराइज़्ड स्कूटी और दो एंबुलेंस सौंपी गईं, जिनमें से कई लाभार्थी जोधपुर ग्रामीण की पंचायतों से थे।[1] बाप और लूणी क्षेत्र के लाभार्थियों ने कहा कि स्कूटी मिलने से अब वे रोज़गार और शिक्षा के लिए नज़दीकी कस्बों तक आसानी से पहुंच पाएंगे। सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि अगर पंचायत स्तर पर दिव्यांगों की पहचान और पंजीकरण की प्रक्रिया और बेहतर हो, तो ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे लाभ और व्यापक रूप से पहुंच सकेंगे।

इस बीच, जोधपुर–उदयपुर रेल कनेक्टिविटी को लेकर मारवाड़ जंक्शन से ब्रॉडगेज सर्वे शुरू होने की ख़बर ने भी ग्रामीण इलाकों में उम्मीद जगाई है।[1] सर्वे का दायरा मारवाड़ और गोडवाड़ क्षेत्र के बीच स्थित उन स्टेशनों और संभावित नए ठहरावों तक बताया जा रहा है, जहां से बड़ी संख्या में मज़दूर रोज़ी–रोटी के लिए बाहर जाते हैं। जोधपुर ग्रामीण के ओसियां और आस-पास के गांवों के लोगों का मानना है कि अगर जोधपुर–उदयपुर के बीच तेज़ और सीधी रेल सेवा शुरू हो जाती है, तो न सिर्फ़ व्यापार बढ़ेगा, बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच भी आसान होगी। किसानों का कहना है कि बेहतर रेल कनेक्टिविटी से सब्ज़ियों और अनाज की खेप समय पर बड़े मंडियों तक पहुंच सकेगी।

पर्यटन के मोर्चे पर देचू, बाप और ओसियां के टीलों, रेगिस्तानी सफारी और मंदिरों को जोड़ते हुए एक “ग्रामीण–रेगिस्तान सर्किट” बनाने की चर्चा भी स्थानीय होटलों और रिसॉर्ट संचालकों के बीच तेज है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि हस्तशिल्प उत्सव और रेल सर्वे जैसी पहलों के बाद जोधपुर ग्रामीण में घरेलू और विदेशी सैलानियों की आवाजाही बढ़ेगी, जिससे ऊंट सफारी, होमस्टे और लोक–संगीत समूहों को सीधा लाभ मिलेगा।

हालांकि विकास की इन संभावनाओं के बीच चुनौतियां भी कम नहीं हैं। कई गांवों में पेयजल सप्लाई, स्कूलों में शिक्षकों की कमी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की तैनाती जैसे मुद्दे अभी भी प्रमुख हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार पर्यटन और कनेक्टिविटी के साथ–साथ इन मूलभूत सुविधाओं पर भी ठोस काम करे, तो जोधपुर ग्रामीण वास्तव में संतुलित विकास की दिशा में आगे बढ़ सकेगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बताया कि आगामी बजट सत्र से पहले वे गांव–गांव से सुझाव लेकर प्राथमिकताओं की सूची तैयार कर रहे हैं, ताकि जोधपुर ग्रामीण के मुद्दे विधानसभा तक मज़बूती से पहुंचे।
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