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Internet बहाल, तनाव बरकरार: जयपुर जिले के चोमू में पथराव, 34 पर FIR, 100 से अधिक हिरासत में

28 Dec, 2025 Jaipur, Rajasthan
जयपुर ज़िले के चोमू कस्बे में नगर निगम की अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई के दौरान भड़की हिंसा के बाद क्षेत्र में हालात धीरे‑धीरे सामान्य हो रहे हैं, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था अभी भी कड़ी है और प्रशासन कड़े कदम उठा रहा है। शुक्रवार तड़के शुरू हुई इस घटना में पत्थरबाज़ी, पुलिस दल पर हमले और अफवाहों के कारण पूरे कस्बे में दहशत का माहौल बन गया था[2]।

जानकारी के अनुसार, चोमू बस स्टैंड के पास क़लंदरी मस्जिद के बाहर वर्षों से बड़े‑बड़े पत्थर पड़े थे, जिनकी वजह से आए दिन ट्रैफ़िक जाम और दुर्घटनाओं का ख़तरा बना रहता था[2]। गुरुवार को नगर निगम की बैठक में मस्जिद कमेटी से बातचीत कर पत्थर हटाने पर सहमति बन गई थी[2]। शुक्रवार सुबह जब नगरपालिका और पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची तो अचानक हालात बिगड़ गए।

पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही टीम ने पत्थर हटाने की प्रक्रिया शुरू की, आसपास के इलाके, विशेषकर पठान मोहल्ला से भारी मात्रा में पत्थरबाज़ी शुरू हो गई[2]। इस दौरान भीड़ ने पुलिस और निगम टीम पर ईंट‑पत्थर फेंके, जिसमे कम से कम छह पुलिसकर्मी व कर्मचारी घायल हुए। भीड़ को काबू करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया और बाद में रैपिड एक्शन फ़ोर्स (RAF) की तैनाती भी करनी पड़ी[2]।

हिंसा फैलने के बाद प्रशासन ने एहतियातन चोमू और आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं, ताकि सोशल मीडिया के ज़रिये अफवाहें न फैलें[4]। अधिकारियों के अनुसार अब स्थिति नियंत्रण में आने के बाद रविवार सुबह इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है, लेकिन साइबर सेल और स्थानीय पुलिस लगातार सोशल मीडिया पर नज़र रखे हुए हैं[4]। प्रशासन ने साफ़ किया है कि भड़काऊ या भ्रामक संदेश फैलाने वालों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी[4]।

घटना के सिलसिले में अब तक 34 लोगों के खिलाफ नामज़द मुक़दमा दर्ज किया गया है और 100 से ज़्यादा संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है[2]। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल वीडियो और ड्रोन निगरानी की मदद से हर पत्थर चलाने वाले की पहचान की जा रही है[2]। अधिकारियों के मुताबिक, ड्रोन से ली गई तस्वीरों में कई मकानों की छतों पर ईंटें, पत्थर और बोतलें पहले से जमा दिखीं, जिससे पुलिस को यह आशंका है कि हमले की पहले से सुनियोजित तैयारी की गई थी[2]।

प्रशासन ने संकेत दिया है कि जिन घरों या इमारतों से पथराव हुआ, या जिनके बारे में सबूत मिलेंगे कि वहां से कानून‑व्यवस्था भंग की गई, उनके खिलाफ बुलडोज़र जैसी कड़ी कार्रवाई पर भी विचार किया जा रहा है[2]। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम केवल उन्हीं मामलों में उठाया जाएगा जहां निर्माण अवैध पाए जाएंगे और कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी[2]।

स्थानीय स्तर पर शांति बनाये रखने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अमला लगातार संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च कर रहा है। पड़ोसी इलाकों से भी पुलिस बल मंगवाकर चोमू थाने, बस स्टैंड, मुख्य बाज़ार और पठान मोहल्ला क्षेत्र में तैनाती बढ़ा दी गई है। दुकानदारों और व्यापारिक संगठनों से अपील की गई है कि वे सामान्य रूप से दुकानें खोलें, ताकि बाज़ारों में रोज़मर्रा की गतिविधियां शुरू होकर माहौल सामान्य हो सके।

इधर, जिला प्रशासन ने दोनों समुदायों के मौज़िज़ लोगों, मस्जिद कमेटी, व्यापारी संघ और सामाजिक संगठनों के साथ बैठकों का दौर शुरू कर दिया है, ताकि आपसी संवाद बना रहे और किसी भी तरह की गलतफहमी को तुरंत दूर किया जा सके। अफसरों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई क़ानून के तहत की गई थी और आगे भी जनहित व ट्रैफ़िक सुगमता के लिए ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी, लेकिन कोशिश होगी कि सभी धर्मस्थलों और स्थानीय भावनाओं का सम्मान करते हुए पहले से सहमति और व्यापक संवाद स्थापित किया जाए।

चोमू की घटना ने पूरे जयपुर ज़िले में प्रशासन को अलर्ट कर दिया है। जिला कलेक्टर कार्यालय से सभी एसडीएम और थानों को निर्देश भेजे गए हैं कि वे अपने‑अपने क्षेत्रों में संवेदनशील जगहों की सूची अपडेट करें और किसी भी अतिक्रमण हटाने या अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई से पहले विस्तृत सुरक्षा प्लान तैयार करें। साथ ही, पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर भरोसा न करें और विवादित या संदिग्ध संदेशों की तुरंत सूचना नज़दीकी थाने या कंट्रोल रूम को दें।
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