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Phalodi Road Accident: 15 Dead, PM Modi Announces Aid as Supreme Court Takes Cognizance

27 Dec, 2025 Phalodi, Rajasthan
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फलोदी जिले के मटोड़ा क्षेत्र में रविवार को हुए भयानक सड़क हादसे ने पूरे राजस्थान को सदमे में डाल दिया है। एक टेम्पो ट्रैवलर, जिसमें भक्तगण सवार थे, जयपुर से लगभग 160 किलोमीटर दूर जोधपुर के निकट स्थित फलोदी उपखंड के मटोड़ा इलाके में खड़े ट्रेलर ट्रक से जा टकराया। इस दर्दनाक दुर्घटना में 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 2 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, जिसमें हादसे के सटीक कारणों का पता लगाया जा रहा है।[1][2]

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री कार्यालय के माध्यम से जारी संदेश में पीएम मोदी ने कहा, "राजस्थान के फलोदी जिले में हुई दुर्घटना से जान गंवाने वालों के प्रति शोकाकुल हूं। प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के साथ इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।" उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपये तथा घायलों को 50,000 रुपये की अनुदान राशि की घोषणा की।[1]

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने भी इस हादसे को अत्यंत दुखद बताते हुए शोक संदेश जारी किया। एक्स पर उनके पोस्ट में कहा गया, "फलोदी के मटोड़ा क्षेत्र में सड़क हादसे में हुई मौतें अत्यंत दुखद और हृदय विदारक हैं। शोकाकुल परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। जिला प्रशासन को सभी घायलों को तत्काल उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ दें।"[1]

यह हादसा राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को उजागर करता है। सुप्रीम कोर्ट ने फलोदी हादसे का स्वत: संज्ञान लेते हुए राजस्थान के मुख्य सचिव से इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर हो रही दुर्घटनाओं पर चिंता जताई है और व्यापक जांच का आदेश दिया।[4]

फलोदी, जो जोधपुर से 160 किमी दूर थार मरुस्थल के किनारे बसा एक महत्वपूर्ण जिला है, यहां सड़क दुर्घटनाएं अक्सर खबरों में रहती हैं। मृतकों में ज्यादातर भक्त थे, जो धार्मिक यात्रा पर जा रहे थे। स्थानीय प्रशासन ने शवों का पोस्टमार्टम कराया और घायलों को जोधपुर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। पुलिस जांच में वाहन की तेज रफ्तार और अंधेरा मुख्य कारण लग रहे हैं।[2][3]

यह घटना राजस्थान में सड़क सुरक्षा पर बहस छेड़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर पार्किंग व्यवस्था, लाइटिंग और स्पीड कंट्रोल की कमी से ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। सरकार को सख्त कदम उठाने की मांग हो रही है। फलोदी के निवासी इस हादसे से स्तब्ध हैं, और पीड़ित परिवारों के लिए सहायता शिविर लगाए जा रहे हैं। पीएम की घोषणा से परिवारों को कुछ राहत मिली है, लेकिन खोई जिंदगियां कभी वापस नहीं आ सकतीं।[1][4]

(शब्द संख्या: लगभग 500)
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