अजमेर जिले में आज बड़ा हड़कंप मच गया जब कलेक्टरेट कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी मिली। राजस्थान के तीन जिलों- अजमेर सहित दो अन्य में कलेक्टर कार्यालयों को ईमेल के माध्यम से भयानक धमकी भेजी गई, जिसमें आरडीएक्स विस्फोटक लगाने की बात कही गई है[1]। यह खबर 27 दिसंबर 2025 को सुबह ही सामने आई, जिसके बाद पुलिस, बम निरोधक दस्ते और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गईं। अजमेर कलेक्टेट परिसर में सघन तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है[1]। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आसपास के क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई[1]।
इस घटना ने पूरे जिले में दहशत फैला दी है। स्थानीय प्रशासन ने स्पष्ट किया कि धमकी गंभीरता से ली जा रही है और जांच के लिए विशेष टीम गठित कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार, धमकी वाले ईमेल में तीन स्थानों पर बम प्लांट करने का उल्लेख था, जो राज्य स्तर पर समन्वित साजिश का संकेत देता है[1]। अजमेर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि साइबर सेल को ईमेल का ट्रेस करने का निर्देश दिया गया है और संदिग्धों की पहचान जल्द ही हो जाएगी। जिला मजिस्ट्रेट ने भी जिला स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक बुलाई, जिसमें सरकारी भवनों, बाजारों और धार्मिक स्थलों पर नजर रखने के निर्देश जारी किए गए।
इसी बीच, अजमेर शरीफ दरगाह प्रशासन ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचारों की कड़ी निंदा की है[2][3]। खादिमों की अनजुमन मोइनिया फखरिया ने वार्षिक उर्स के समापन पर यह बयान जारी किया। उन्होंने बांग्लादेश के मायमेनसिंह जिले में 27 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की लिंचिंग और उसके शव को आग के हवाले करने की घटना पर गहरी चिंता जताई[2]। अनजुमन ने देशभर के दरगाहों के सज्जादानशीनों से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए एकजुट आवाज बुलाने की अपील की। सैयद सरवर चिश्ती ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की शिक्षाएं उत्पीड़ितों के पक्ष में खड़े होने का संदेश देती हैं[2][3]। साथ ही, भारत में भी अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों, बिहार में मुस्लिम युवक मोहम्मद अतहर हुसैन की कथित हत्या और क्रिसमस के दौरान तोड़फोड़ पर चिंता व्यक्त की[2][3]। अनजुमन ने केंद्र और राज्य सरकारों से शून्य सहनशीलता की नीति अपनाने की मांग की।
अजमेर में मौसम विभाग ने भी अलर्ट जारी किया है। उत्तर भारत सहित राजस्थान में 28 दिसंबर तक ठंड से राहत नहीं मिलेगी। रात और सुबह घना कोहरा छाया रहेगा, जिससे यातायात प्रभावित हो सकता है[1]। जिले के किसान और व्यापारी पहले से ही ठंड की मार झेल रहे हैं। पुष्कर मेला 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन सुरक्षा चिंताओं के बीच प्रशासन सतर्क है[4]।
बम धमकी की इस घटना ने अजमेर की शांति भंग करने की कोशिश को उजागर किया है। स्थानीय निवासी डरे हुए हैं, लेकिन प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि हालात नियंत्रण में हैं। जांच में प्रगति होने पर और अपडेट दिए जाएंगे। यह घटना राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, जहां नारकोटिक्स और अन्य अपराधों के अलावा ऐसी धमकियां बढ़ रही हैं[1]। अजमेर, जो सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की नगरी है, हमेशा शांति का प्रतीक रही है। अब सुरक्षा एजेंसियों पर दोहरी जिम्मेदारी है- धमकीदाताओं को पकड़ना और साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखना। (शब्द संख्या: ५१२)