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अलवर में ठंड की लहर और सरिस्का टाइगर रिजर्व में पर्यटकों का सैलाब, नमो भारत रैपिड रेल से दिल्ली-अलवर यात्रा आसान

27 Dec, 2025 Alwar, Rajasthan
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अलवर जिले में आज ठंड की लहर ने जोर पकड़ लिया है। मौसम विभाग के अनुसार, अलवर सहित शेखावाटी क्षेत्र के जिलों सिकार, चूरू, झुंझुनू, नागौर, करौली, धौलपुर और भरतपुर में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। पिछले दो दिनों में अलवर और सिकार जैसे शहरों में तापमान 5-6 डिग्री सेल्सियस लुढ़क गया, जिससे कई इलाकों में पतली बर्फ की परत जम गई। अलवर में सुबह और शाम के समय ठंड का असर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है, जहां अधिकतम तापमान सामान्य से 1.3 डिग्री नीचे 23.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम 7 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। मौसम केंद्र ने अगले 3-4 दिनों तक पूरे राजस्थान में तीव्र ठंड और शीतलहर की चेतावनी जारी की है, जिसमें उत्तर-पूर्वी जिलों के लिए 11 जिलों में येलो अलर्ट घोषित किया गया है। स्थानीय निवासी अलवर के बाजारों और सड़कों पर गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आ रहे हैं, जबकि किसान खेतों में फसलों को ठंड से बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।[2][7]

इसी बीच, अलवर जिले का प्रसिद्ध सरिस्का टाइगर रिजर्व साल के अंत में पर्यटकों की भारी आमद का गवाह बन रहा है। ठंड के बावजूद पर्यटकों का उत्साह कम नहीं हुआ है, बल्कि साल के अंतिम दिनों में टाइगर सफारी और जंगल सफारी के लिए बुकिंग में उछाल आ गया है। सरिस्का, जो अलवर के घने जंगलों में बसा है, में बाघों की दर्शन की चाहत में देश-विदेश से सैलानी पहुंच रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, दिसंबर महीने में पर्यटक संख्या में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रही है। रिजर्व के आसपास होटल और रिसॉर्ट्स फुल ऑक्यूपेंसी पर चल रहे हैं, जबकि गाइड और स्थानीय दुकानदारों को अच्छा कारोबार हो रहा है। हालांकि, ठंड के कारण रात्रि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, लेकिन सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समय सीमा तय की गई है। पर्यटन विभाग ने सरिस्का को नई दिशा देने के उद्देश्य से विशेष योजनाएं शुरू की हैं, जिसमें प्रमुख स्थलों को रात 12:30 बजे तक खुला रखने का निर्णय शामिल है।[1][3]

अलवर के लिए एक और बड़ी खुशखबरी है नमो भारत रैपिड रेल परियोजना। दिल्ली से अलवर तक की 164 किलोमीटर लंबी रैपिड रेल कॉरिडोर 2027 तक चालू हो जाएगा, जिससे यात्रा का समय घटकर महज 117 मिनट रह जाएगा। रैपिड रेल 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी और इसमें 22 स्टेशन होंगे, जिनमें से 5 भूमिगत होंगे। परियोजना की लागत 37 हजार करोड़ रुपये है, जो केंद्र सरकार और राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली सरकारों के संयुक्त उद्यम से बन रही है। फेज-1 में सराय काले खां-गुरुग्राम-धरूहेरा, फेज-2 धरूहेरा-एसएनबी, फेज-3 एसएनबी-भिवाड़ी-सोताना और फेज-4 एसएनबी-अलवर कवर होगा। राजस्थान के मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास ने हाल ही में दिल्ली में इसकी टेस्ट राइड की और बताया कि यह यात्रियों के लिए क्रांति लाएगी। 2030 तक प्रतिदिन 8.5 लाख यात्री इसका उपयोग करेंगे। इससे अलवर की कनेक्टिविटी मजबूत होगी, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।[4]

अलवर जिले में पानी की किल्लत भी एक चिंता का विषय बनी हुई है। भूजल निकासी सिंचाई के कारण भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है, जो भविष्य में संकट पैदा कर सकता है। जिले में औसतन भूजल रिचार्ज से दोगुना निकासी हो रही है, जिससे पेयजल और कृषि प्रभावित हो रही है। स्थानीय प्रशासन ने जल संरक्षण अभियान तेज कर दिया है। कुल मिलाकर, अलवर में ठंड, पर्यटन उछाल और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास प्रमुख ट्रेंडिंग मुद्दे हैं। (शब्द संख्या: 512)
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