भरतपुर में ठंड का कहर जारी, कोहरे ने मचाई तबाही; किसान जयपुर मार्च की तैयारी
27 Dec, 2025 Bharatpur, Rajasthan
भरतपुर जिले में आज ठंड और कोहरे ने एक बार फिर हाहाकार मचा दिया है। मौसम विभाग की चेतावनी के बीच घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता मात्र 50 मीटर तक सिमट गई।[1][2][3] जिले में सुबह-शाम की ठंडक असहनीय हो गई है, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.9 डिग्री नीचे 7.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।[3] शेखावाटी क्षेत्र के साथ-साथ अलवर, करौली, धौलपुर और **भरतपुर** जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां पिछले दो दिनों में तापमान में 5-6 डिग्री की गिरावट आई है।[3] सिकार और अलवर में पतली बर्फ की चादर देखी गई, वहीं भरतपुर में कोहरे के कारण स्कूल, बस और एंबुलेंस की टक्कर में एक व्यक्ति की मौत हो गई।[1] हादसा इतना भयानक था कि इलाके में अफरातफरी मच गई, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी।[1]
इसके अलावा, **भरतपुर-ब्यावर** एक्सप्रेसवे को लेकर किसानों में रोष बढ़ता जा रहा है। राज्य सरकार पर कृषि मुद्दों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए किसान संगठनों ने 30 दिसंबर को जयपुर मार्च का ऐलान किया है।[4] बजट 2025-26 में घोषित नौ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे परियोजनाओं में **भरतपुर-ब्यावर** और कोटपूतली-किशनगढ़ शामिल हैं, जिनका काम शुरू होने वाला है।[4] किसान नेता बताते हैं कि 1 जनवरी 2014 से लागू भूमि अधिग्रहण कानून के तहत सिंचित और बहु-फसली कृषि भूमि का अधिग्रहण रोका जाना चाहिए था, जो खाद्य सुरक्षा के लिए जरूरी है।[4] भरतपुर के किसान इस मार्च में सक्रिय भागीदारी की तैयारी कर रहे हैं, जिले के कई गांवों में बैठकें हो रही हैं।
शिक्षा क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव आ रहा है। नए शिक्षा सत्र से पहले राजस्थान सरकार ने 97 सरकारी स्कूलों को नजदीकी विद्यालयों में मिलाने का फैसला लिया है, जिसमें **भरतपुर** जिले के कुछ स्कूल भी शामिल हो सकते हैं।[5] यह कदम छात्रों की सुविधा और संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए उठाया गया है, लेकिन अभिभावकों में चिंता बनी हुई है।
ठंड से राहत की कोई उम्मीद नहीं, क्योंकि मौसम विभाग ने 28 दिसंबर तक उत्तर भारत सहित राजस्थान में ठंड जारी रहने का अलर्ट जारी किया है।[1] रात और सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने से यातायात बाधित हो रहा है। प्रशासन ने ड्राइवरों को सतर्क रहने की हिदायत दी है। भरतपुर के अस्पतालों में सर्दी-खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में। जिला कलेक्टर ने राहत शिविर लगाने के निर्देश दिए हैं।
राज्य स्तर पर अन्य खबरें भी भरतपुर को प्रभावित कर रही हैं। भारत माता एक्सप्रेसवे पर ट्रक-ट्रेलर की टक्कर में दो की मौत हुई, जो जिले के निकट है।[1] अजमेर कलेक्ट्रेट को बम धमकी मिलने से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं।[1] स्थानीय पर्यटन व्यवसाय ठंड से प्रभावित है, लेकिन आने वाले दिनों में 55,000 पर्यटकों के आने का अनुमान है, जो होटल और हस्तशिल्प को लाभ पहुंचाएगा।[1]
भरतपुरवासी इन चुनौतियों के बीच सतर्कता बरत रहे हैं। पुलिस ने कोहरे वाले इलाकों में गश्त बढ़ा दी है, जबकि किसान संगठन मार्च को सफल बनाने के लिए जुटे हैं। जिले की प्रसिद्ध केसरिया सफारी और केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान ठंड की चपेट में हैं, लेकिन पर्यटक सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। कुल मिलाकर, **भरतपुर** आज ठंड, हादसों और किसान आंदोलन के केंद्र में है। (शब्द संख्या: 512)[1][2][3][4][5]