Dungarpur में RSS-Bajrang Dal ने चर्च में घुसकर मास बाधित किया, जबरन धर्मांतरण का आरोप
27 Dec, 2025 Dungarpur, Rajasthan
डूंगरपुर जिले के बिचीवाड़ा गांव में 13 या 14 दिसंबर 2025 को एक बड़ा विवादास्पद घटना घटी, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और बजरंग दल के सदस्यों ने सेंट जोसेफ कैथोलिक चर्च में घुसकर चल रही संडे मास को बाधित कर दिया।[2][4][5][6][7] आरोप लगाया गया कि चर्च के पादरी आदिवासी परिवारों को जबरन ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का प्रयास कर रहे हैं। घटना सुबह 10:30 बजे की मास के दौरान हुई, जब ये कार्यकर्ता चर्च में घुसे, पादरी और भक्तों से भिड़ गए, उन्हें धमकी दी और पूजा-अर्चना बर्दाश्त नहीं की जाएगी चेतावनी दी।[5][6] पादरी ने धर्मांतरण के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, लेकिन तनाव इतना बढ़ गया कि पुलिस को बुलाना पड़ा। जिला अधिकारियों को शिकायत दर्ज कराई गई और जांच शुरू हो गई।[5]
यह घटना डूंगरपुर में हाल के दिनों की सबसे चर्चित रही है, जहां पहले भी धार्मिक रूपांतरण को लेकर विवाद हुआ। कुछ ही दिनों पहले, चंगाई सभा के दौरान आठ लोगों को कथित धर्मांतरण के आरोप में हिरासत में लिया गया था।[1] हिंदू संगठनों ने दावा किया कि आदिवासी परिवारों को निशाना बनाया जा रहा है और ईसाई किताबें बरामद हुई हैं। जांच जारी है।[1] कैथोलिक कनेक्ट और अन्य स्रोतों के अनुसार, RSS और बजरंग दल के सदस्यों ने चर्च में घुसकर पूजा को रोका, पादरी को ललकारा और भक्तों को डराया।[2][4] यह घटना क्रिसमस से ठीक पहले हुई, जब पूरे भारत में ईसाई समुदाय पर हमलों की खबरें बढ़ रही थीं।[2][7]
डूंगरपुर, जो राजस्थान के दक्षिणी हिस्से में स्थित है और आदिवासी बहुल जिला है, धार्मिक तनाव का केंद्र बन गया है। स्थानीय हिंदू संगठन लंबे समय से दावा कर रहे हैं कि चर्च और मिशनरी आदिवासियों को लुभावे में धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। वहीं, चर्च पक्ष का कहना है कि वे केवल प्रार्थना और सामाजिक सेवा कर रहे हैं। इस घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने की हिदायत दी है। कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, लेकिन मामला गर्माया हुआ है।[1][5]
इसके अलावा, डूंगरपुर में अन्य समस्याएं भी सुर्खियों में हैं। अवैध गर्भपात दवाओं की बिक्री का मामला सामने आया है, जहां एमटीपी किट बिना प्रिस्क्रिप्शन के बेची जा रही हैं। यह जोधपुर एक्सपोज़ के बाद की घटना है।[8] पर्यटन के लिहाज से भी डूंगरपुर ट्रेंडिंग है, क्योंकि गुजरात से बड़ी संख्या में लोग न्यू ईयर मनाने आ रहे हैं। अबू रोड, रतनपुर और डूंगरपुर में 1200 से ज्यादा नए होटल रूम बने हैं, जो युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं।[3]
स्थानीय लोग इस धार्मिक विवाद से चिंतित हैं। आदिवासी समुदाय के नेता दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील कर रहे हैं। पुलिस ने कहा कि कोई भी अवैध गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह घटना पूरे राजस्थान में बहस छेड़ रही है कि धार्मिक स्वतंत्रता और रूपांतरण के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए। फिलहाल, शांति बहाल है, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं की आशंका बनी हुई है। (शब्द संख्या: 498)