उदयपुर में आईटी फर्म मैनेजर पर गैंगरेप: सीईओ, महिला एग्जीक्यूटिव और पति गिरफ्तार
27 Dec, 2025
Udaipur
उदयपुर, राजस्थान के शोभागपुरा क्षेत्र में 20 दिसंबर को एक आईटी फर्म के सीईओ के जन्मदिन की पार्टी के बाद हुई एक महिला मैनेजर पर गैंगरेप की घटना ने पूरे शहर को स्तब्ध कर दिया है। जीकेएम आईटी कंपनी की 32 वर्षीय महिला मैनेजर को उसके ही सीईओ जितेश प्रकाश सिसोदिया, कंपनी की महिला एग्जीक्यूटिव हेड शिल्पा सिरोही और उसके पति गौरव सिरोही ने कथित तौर पर चलती कार में नशीला पदार्थ देकर बेहोश कर सामूहिक दुष्कर्म किया।[1][2][3][4] पीड़िता ने 23 दिसंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें बताया कि पार्टी के बाद आरोपी उसे घर छोड़ने के बहाने कार में बिठा ले गए। मेडिकल जांच में उसके निजी अंगों और शरीर पर चोटें पाई गईं, साथ ही उसके आभूषण, मोजे और अंतर्वस्त्र गायब मिले।[1][4]
घटना की पूरी कथा रोंगटे खड़े कर देने वाली है। 20 दिसंबर को रात करीब 9 बजे शोभागपुरा के एक होटल में सीईओ जितेश सिसोदिया का जन्मदिन और न्यू ईयर पार्टी शुरू हुई, जो रात 1:30 बजे तक चली। लगभग 15 कंपनी कर्मचारियों ने शिरकत की और सभी ने शराब पी। पार्टी खत्म होने पर पीड़िता की तबीयत खराब होने पर आरोपी तिगड़ी ने उसे लिफ्ट देने का ऑफर किया। कार में बैठते ही उन्होंने उसे धूम्रपान का सामान दिलवाया और जबरन सिगरेट पीने को मजबूर किया, जिससे वह बेहोश हो गई। फिर चलती कार में तीनों ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया।[1][2][3][4][7] डैशकैम फुटेज और व्हाट्सएप चैट्स से सबूत मिले, जिसके आधार पर पुलिस ने 25 दिसंबर को तीनों को गिरफ्तार किया। कोर्ट ने चार दिन की पुलिस रिमांड दे दी है।[1][3][4]
उदयपुर एसपी योगेश गोयल या अलोक ठाकुर ने पुष्टि की कि मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि हुई है और जांच जारी है।[3][4] कंपनी में हड़कंप मच गया है। 80 कर्मचारियों वाली इस फर्म ने ऑपरेशन सस्पेंड कर दिया और एचआर हेड ने पूर्ण सहयोग का वादा किया। पूर्व कर्मचारी ने बताया कि सीईओ का व्यवहार पहले से संदिग्ध था, 2023 में एक हेरासमेंट केस इंटरनल सेटल हो गया था।[3] महिला संगठनों ने कंपनी के बाहर प्रदर्शन किया, सीसीटीवी फुटेज और पीओएसएच एक्ट उल्लंघन की जांच की मांग की।[3]
यह मामला राजस्थान में बढ़ती महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं को उजागर करता है। एनसीआरबी डेटा के अनुसार, 2024 में राज्य में 3,200 से ज्यादा रेप केस दर्ज हुए, 40% जान-पहचान वालों द्वारा। उदयपुर में ही पिछले साल 150 ऐसे मामले।[3] विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ 25% कंपनियों में आंतरिक शिकायत समितियां सक्रिय हैं।[3] सोशल मीडिया पर #WorkplaceSafety ट्रेंड कर रहा है। पुलिस ने आईपीसी की गैंगरेप और साजिश की धाराएं लगाई हैं। पीड़िता काउंसलिंग ले रही है और स्थिर है।[3] यह घटना कार्यस्थल पर विश्वासघात और सुरक्षा की कमी को रेखांकित करती है, जिससे महिलाओं में भय का माहौल है। जांच में और खुलासे होने की संभावना है। (शब्द संख्या: 498)
घटना की पूरी कथा रोंगटे खड़े कर देने वाली है। 20 दिसंबर को रात करीब 9 बजे शोभागपुरा के एक होटल में सीईओ जितेश सिसोदिया का जन्मदिन और न्यू ईयर पार्टी शुरू हुई, जो रात 1:30 बजे तक चली। लगभग 15 कंपनी कर्मचारियों ने शिरकत की और सभी ने शराब पी। पार्टी खत्म होने पर पीड़िता की तबीयत खराब होने पर आरोपी तिगड़ी ने उसे लिफ्ट देने का ऑफर किया। कार में बैठते ही उन्होंने उसे धूम्रपान का सामान दिलवाया और जबरन सिगरेट पीने को मजबूर किया, जिससे वह बेहोश हो गई। फिर चलती कार में तीनों ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया।[1][2][3][4][7] डैशकैम फुटेज और व्हाट्सएप चैट्स से सबूत मिले, जिसके आधार पर पुलिस ने 25 दिसंबर को तीनों को गिरफ्तार किया। कोर्ट ने चार दिन की पुलिस रिमांड दे दी है।[1][3][4]
उदयपुर एसपी योगेश गोयल या अलोक ठाकुर ने पुष्टि की कि मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि हुई है और जांच जारी है।[3][4] कंपनी में हड़कंप मच गया है। 80 कर्मचारियों वाली इस फर्म ने ऑपरेशन सस्पेंड कर दिया और एचआर हेड ने पूर्ण सहयोग का वादा किया। पूर्व कर्मचारी ने बताया कि सीईओ का व्यवहार पहले से संदिग्ध था, 2023 में एक हेरासमेंट केस इंटरनल सेटल हो गया था।[3] महिला संगठनों ने कंपनी के बाहर प्रदर्शन किया, सीसीटीवी फुटेज और पीओएसएच एक्ट उल्लंघन की जांच की मांग की।[3]
यह मामला राजस्थान में बढ़ती महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं को उजागर करता है। एनसीआरबी डेटा के अनुसार, 2024 में राज्य में 3,200 से ज्यादा रेप केस दर्ज हुए, 40% जान-पहचान वालों द्वारा। उदयपुर में ही पिछले साल 150 ऐसे मामले।[3] विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ 25% कंपनियों में आंतरिक शिकायत समितियां सक्रिय हैं।[3] सोशल मीडिया पर #WorkplaceSafety ट्रेंड कर रहा है। पुलिस ने आईपीसी की गैंगरेप और साजिश की धाराएं लगाई हैं। पीड़िता काउंसलिंग ले रही है और स्थिर है।[3] यह घटना कार्यस्थल पर विश्वासघात और सुरक्षा की कमी को रेखांकित करती है, जिससे महिलाओं में भय का माहौल है। जांच में और खुलासे होने की संभावना है। (शब्द संख्या: 498)
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