Sawai Madhopur Gripped by Intensified Cold Wave in Winter 2025
28 Dec, 2025
Sawai Madhopur, Rajasthan
सवाई माधोपुर जिले में इस वर्ष की सर्दी का मौसम अब तक के सबसे ठंडे दौर से गुजर रहा है। ठंड की लहर ने आमजनमानस को घरों में कैद कर दिया है, और प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। ALM इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार, सवाई माधोपुर में सर्दी 2025 के लिए गंभीर तापमान का पूर्वानुमान है, जो क्षेत्र को चिलिंग फ्रीज में धकेल रहा है। न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है, जबकि अधिकतम भी 10 डिग्री के आसपास ही ठहरा हुआ है[5]।
जिले के रणथंभौर नेशनल पार्क क्षेत्र सहित ग्रामीण इलाकों में कोहरा इतना घना है कि विजिबिलिटी मात्र 50 मीटर तक सिमट गई है। सड़कें फिसलन भरी हो गई हैं, जिससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इतनी कठोर ठंड पिछले दस वर्षों में नहीं देखी गई। बुजुर्गों और बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं, जैसे जोड़ों में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और फ्लू के मामले। जिला अस्पताल में ओपीडी में मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है।
प्रशासन ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं। स्कूलों में छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं, और ग्रामीण क्षेत्रों में कंबल वितरण अभियान चलाया जा रहा है। रणथंभौर टाइगर रिजर्व में सफारी सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं, क्योंकि ठंड से जानवरों की गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में तापमान में और गिरावट की चेतावनी दी है, जिससे न्यूनतम 0 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है।
इस बीच, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे पर सवाई माधोपुर के बाउनली क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हो गया, जहां एक कार अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। गुजरात के दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह हादसा ठंड के कारण फिसलन वाली सड़कों का नतीजा माना जा रहा है[7][8]।
पिछले मानसून की यादें अभी ताजा हैं, जब भारी बारिश से जिला बाढ़ की चपेट में आया था। अगस्त 2025 में सवाई माधोपुर में बाढ़ ने 13 लोगों की जान ले ली थी, कई गांव डूब गए थे, और सेना-एनडीआरएफ को राहत कार्य के लिए बुलाना पड़ा था[1][2][3]। सुरवाल बांध के ओवरफ्लो से जादवाता गांव में 2 किलोमीटर लंबा गड्ढा बन गया था[4]। लेकिन अब सर्दी की मार ने नया संकट खड़ा कर दिया है।
स्थानीय किसानों को फसलें प्रभावित हो रही हैं, खासकर सरसों और गेहूं की बुवाई में देरी हो रही है। बिजली-पानी की आपूर्ति सुचारू रखने के लिए टीमें तैनात हैं। जिलाधिकारी ने बैठक बुलाई है, जिसमें राहत सामग्री वितरण और स्वास्थ्य कैंप लगाने के निर्देश दिए गए हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि अनावश्यक यात्रा न करें, गर्म कपड़े पहनें और घरों में ही रहें। यह ठंडी लहर न केवल सवाई माधोपुर बल्कि टोंक, बूंदी जैसे आसपास के जिलों को भी प्रभावित कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसमी चरमियां बढ़ रही हैं। प्रशासन की कोशिशें जारी हैं, लेकिन जनता को सतर्क रहने की जरूरत है। (शब्द संख्या: ५१२)
जिले के रणथंभौर नेशनल पार्क क्षेत्र सहित ग्रामीण इलाकों में कोहरा इतना घना है कि विजिबिलिटी मात्र 50 मीटर तक सिमट गई है। सड़कें फिसलन भरी हो गई हैं, जिससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इतनी कठोर ठंड पिछले दस वर्षों में नहीं देखी गई। बुजुर्गों और बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं, जैसे जोड़ों में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और फ्लू के मामले। जिला अस्पताल में ओपीडी में मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है।
प्रशासन ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं। स्कूलों में छुट्टियां बढ़ा दी गई हैं, और ग्रामीण क्षेत्रों में कंबल वितरण अभियान चलाया जा रहा है। रणथंभौर टाइगर रिजर्व में सफारी सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं, क्योंकि ठंड से जानवरों की गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में तापमान में और गिरावट की चेतावनी दी है, जिससे न्यूनतम 0 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है।
इस बीच, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे पर सवाई माधोपुर के बाउनली क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हो गया, जहां एक कार अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। गुजरात के दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह हादसा ठंड के कारण फिसलन वाली सड़कों का नतीजा माना जा रहा है[7][8]।
पिछले मानसून की यादें अभी ताजा हैं, जब भारी बारिश से जिला बाढ़ की चपेट में आया था। अगस्त 2025 में सवाई माधोपुर में बाढ़ ने 13 लोगों की जान ले ली थी, कई गांव डूब गए थे, और सेना-एनडीआरएफ को राहत कार्य के लिए बुलाना पड़ा था[1][2][3]। सुरवाल बांध के ओवरफ्लो से जादवाता गांव में 2 किलोमीटर लंबा गड्ढा बन गया था[4]। लेकिन अब सर्दी की मार ने नया संकट खड़ा कर दिया है।
स्थानीय किसानों को फसलें प्रभावित हो रही हैं, खासकर सरसों और गेहूं की बुवाई में देरी हो रही है। बिजली-पानी की आपूर्ति सुचारू रखने के लिए टीमें तैनात हैं। जिलाधिकारी ने बैठक बुलाई है, जिसमें राहत सामग्री वितरण और स्वास्थ्य कैंप लगाने के निर्देश दिए गए हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि अनावश्यक यात्रा न करें, गर्म कपड़े पहनें और घरों में ही रहें। यह ठंडी लहर न केवल सवाई माधोपुर बल्कि टोंक, बूंदी जैसे आसपास के जिलों को भी प्रभावित कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसमी चरमियां बढ़ रही हैं। प्रशासन की कोशिशें जारी हैं, लेकिन जनता को सतर्क रहने की जरूरत है। (शब्द संख्या: ५१२)