खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदलकर भरथरी नगर, भिवाड़ी बनी जिला मुख्यालय
27 Dec, 2025
Khairthal-Tijara
अलवर, राजस्थान। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने खैरथल-तिजारा जिले का नाम **भरथरी नगर** करने और भिवाड़ी को इसका जिला मुख्यालय बनाने की प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय स्थानीय मांगों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जो पूर्व गहलोत सरकार द्वारा 4 अगस्त 2023 को नए जिलों की घोषणा के बाद से उठ रही थीं। भिवाड़ी को अलग जिला बनाने की मांग लंबे समय से थी, जिसे अब नाम परिवर्तन और मुख्यालय स्थानांतरण से पूरा किया गया है।[1]
मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को कैबिनेट में भेजा जाएगा, जहां से पारित होने पर नाम परिवर्तन की आधिकारिक अधिसूचना जारी हो जाएगी। इस निर्णय का स्वागत केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने किया। उन्होंने कहा, "खैरथल-तिजारा जिले का नाम महान तपस्वी बाबा भरथरी नाथ महाराज के नाम पर भरथरी नगर रखने के निर्णय का स्वागत करता हूं। अलवर बाबा भरथरी की तपस्थली रहा है। यह फैसला क्षेत्र में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देगा। जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का निर्णय सराहनीय है।"[1]
खैरथल-तिजारा जिला राजस्थान के अलवर संभाग में स्थित है, जो औद्योगिक केंद्र भिवाड़ी के लिए जाना जाता है। भिवाड़ी को मुख्यालय बनाने से प्रशासनिक सुविधाएं मजबूत होंगी और स्थानीय विकास को गति मिलेगी। पूर्व में गहलोत सरकार ने 17 नए जिले बनाए थे, जिनमें खैरथल-तिजारा भी शामिल था, लेकिन मुख्यालय को लेकर विवाद बना रहा। अब भाजपा सरकार ने इसे सुलझा दिया है।[1]
यह खबर जिले में ट्रेंडिंग बनी हुई है, क्योंकि इससे सांस्कृतिक गौरव और विकास दोनों जुड़े हैं। बाबा भरथरी नाथ महाराज की कथाएं अलवर क्षेत्र में प्रचलित हैं, जो राजा भर्तहरि की तपस्या से जुड़ी हैं। नाम परिवर्तन से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, खासकर तीर्थयात्रियों और इतिहास प्रेमियों को आकर्षित करेगा। भिवाड़ी, जो रीको औद्योगिक क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध है, अब जिला प्रशासन का केंद्र बनेगा, जिससे निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।[1]
स्थानीय निवासियों ने इसकी सराहना की है। एक स्थानीय व्यापारी ने कहा, "भिवाड़ी को मुख्यालय मिलना हमारी पुरानी मांग पूरी हुई। इससे सरकारी कार्यालय नजदीक होंगे।" वहीं, पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि भरथरी नगर नाम से धार्मिक पर्यटन में उछाल आएगा।[1]
जिले में अन्य घटनाओं के बीच यह सकारात्मक खबर है। हालांकि, ठंड की लहर और कुछ आपराधिक घटनाओं ने भी सुर्खियां बटोरी हैं, लेकिन नाम परिवर्तन प्रमुख ट्रेंडिंग टॉपिक है। मुख्यमंत्री का यह कदम राज्य सरकार की जनकेंद्रित नीतियों को दर्शाता है। कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पारित होते ही औपचारिकता पूरी हो जाएगी। यह बदलाव 2025 के अंत में आया है, जो नए साल की शुरुआत में प्रभावी हो सकता है। स्थानीय स्तर पर उत्साह है और सोशल मीडिया पर #भरथरीनगर ट्रेंड कर रहा है। (शब्द संख्या: ५०२)[1]
मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को कैबिनेट में भेजा जाएगा, जहां से पारित होने पर नाम परिवर्तन की आधिकारिक अधिसूचना जारी हो जाएगी। इस निर्णय का स्वागत केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने किया। उन्होंने कहा, "खैरथल-तिजारा जिले का नाम महान तपस्वी बाबा भरथरी नाथ महाराज के नाम पर भरथरी नगर रखने के निर्णय का स्वागत करता हूं। अलवर बाबा भरथरी की तपस्थली रहा है। यह फैसला क्षेत्र में सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देगा। जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का निर्णय सराहनीय है।"[1]
खैरथल-तिजारा जिला राजस्थान के अलवर संभाग में स्थित है, जो औद्योगिक केंद्र भिवाड़ी के लिए जाना जाता है। भिवाड़ी को मुख्यालय बनाने से प्रशासनिक सुविधाएं मजबूत होंगी और स्थानीय विकास को गति मिलेगी। पूर्व में गहलोत सरकार ने 17 नए जिले बनाए थे, जिनमें खैरथल-तिजारा भी शामिल था, लेकिन मुख्यालय को लेकर विवाद बना रहा। अब भाजपा सरकार ने इसे सुलझा दिया है।[1]
यह खबर जिले में ट्रेंडिंग बनी हुई है, क्योंकि इससे सांस्कृतिक गौरव और विकास दोनों जुड़े हैं। बाबा भरथरी नाथ महाराज की कथाएं अलवर क्षेत्र में प्रचलित हैं, जो राजा भर्तहरि की तपस्या से जुड़ी हैं। नाम परिवर्तन से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, खासकर तीर्थयात्रियों और इतिहास प्रेमियों को आकर्षित करेगा। भिवाड़ी, जो रीको औद्योगिक क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध है, अब जिला प्रशासन का केंद्र बनेगा, जिससे निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।[1]
स्थानीय निवासियों ने इसकी सराहना की है। एक स्थानीय व्यापारी ने कहा, "भिवाड़ी को मुख्यालय मिलना हमारी पुरानी मांग पूरी हुई। इससे सरकारी कार्यालय नजदीक होंगे।" वहीं, पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि भरथरी नगर नाम से धार्मिक पर्यटन में उछाल आएगा।[1]
जिले में अन्य घटनाओं के बीच यह सकारात्मक खबर है। हालांकि, ठंड की लहर और कुछ आपराधिक घटनाओं ने भी सुर्खियां बटोरी हैं, लेकिन नाम परिवर्तन प्रमुख ट्रेंडिंग टॉपिक है। मुख्यमंत्री का यह कदम राज्य सरकार की जनकेंद्रित नीतियों को दर्शाता है। कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पारित होते ही औपचारिकता पूरी हो जाएगी। यह बदलाव 2025 के अंत में आया है, जो नए साल की शुरुआत में प्रभावी हो सकता है। स्थानीय स्तर पर उत्साह है और सोशल मीडिया पर #भरथरीनगर ट्रेंड कर रहा है। (शब्द संख्या: ५०२)[1]
ADVERTISEMENT SPACE