Kekri में अवैध बजरी स्टॉक पर खनिज विभाग की बड़ी कार्रवाई, माफियाओं में हड़कंप
27 Dec, 2025
Kekri
केकड़ी जिले के खिरिया गांव में डाई नदी से लंबे समय से हो रही अवैध बजरी खनन के खिलाफ खनिज विभाग ने शुक्रफल करने वाली बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। खनिज विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने चरागाह भूमि पर छिपाकर रखे गए विशाल बजरी स्टॉक को जब्त कर लिया, जिससे अवैध खनन माफियाओं में खलबली मच गई है।[1]
लगातार मिल रही जन शिकायतों और पुख्ता सूचना के आधार पर टीम ने मौके पर छापेमारी की। खोजबीन के दौरान चरागाह भूमि पर भरा-भरा बजरी का स्टॉक मिला, जो डाई नदी से अवैध रूप से निकाली गई थी। टीम ने तुरंत इसे जब्त कर लिया। कार्रवाई के दौरान कई ट्रक और मजदूर मौके से फरार हो गए, लेकिन विभाग ने सख्ती से जांच जारी रखी है।[1]
खनिज विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि अवैध खनन और स्टॉकिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई सरकारी राजस्व की चोरी रोकने और पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। डाई नदी क्षेत्र में बजरी का अंधाधुंध खनन न केवल सरकारी खजाने को अरबों का नुकसान पहुंचा रहा था, बल्कि नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को भी गहरा आघात पहुंचा रहा था। चरागाह भूमि का दुरुपयोग कर स्टॉक करने से स्थानीय किसानों की जमीनें भी प्रभावित हो रही थीं।[1]
केकड़ी उपखंड अधिकारी ने बताया कि यह अभियान नियमित रूप से जारी रहेगा। पिछले कुछ दिनों में क्षेत्र में कई शिकायतें दर्ज हुई थीं, जिनमें ग्रामीणों ने बताया था कि रात के अंधेरे में ट्रैक्टर-ट्रॉली से बजरी निकाली जा रही है। खनन माफिया स्थानीय चरागाहों पर स्टॉक कर इसे शहरों में ऊंचे दामों पर बेच रहे थे। इस कार्रवाई से माफियाओं को करारा झटका लगा है।[1]
स्थानीय निवासियों ने विभाग की तारीफ की है। खिरिया गांव के सरपंच ने कहा कि यह कदम पर्यावरण और किसानों के हित में है। अवैध खनन से नदी का जलग्रहण क्षेत्र नष्ट हो रहा था, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया था। विभाग ने चेतावनी दी है कि आगे ऐसी कार्रवाइयां और सख्त होंगी। जब्त बजरी का मूल्यांकन कर जुर्माना वसूला जाएगा और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।[1]
केकड़ी जिला प्रशासन ने अवैध खनन रोकने के लिए विशेष निगरानी टीम गठित की है। ड्रोन और जीपीएस ट्रैकिंग से संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। यह घटना राजस्थान के अन्य जिलों के लिए भी उदाहरण है, जहां बजरी माफिया सक्रिय हैं। खनिज विभाग का यह प्रहार न केवल राजस्व बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी को बचाएगा। ग्रामीणों में खुशी की लहर है, लेकिन वे मांग कर रहे हैं कि कार्रवाई स्थायी हो। (शब्द संख्या: ५०२)
लगातार मिल रही जन शिकायतों और पुख्ता सूचना के आधार पर टीम ने मौके पर छापेमारी की। खोजबीन के दौरान चरागाह भूमि पर भरा-भरा बजरी का स्टॉक मिला, जो डाई नदी से अवैध रूप से निकाली गई थी। टीम ने तुरंत इसे जब्त कर लिया। कार्रवाई के दौरान कई ट्रक और मजदूर मौके से फरार हो गए, लेकिन विभाग ने सख्ती से जांच जारी रखी है।[1]
खनिज विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि अवैध खनन और स्टॉकिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई सरकारी राजस्व की चोरी रोकने और पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। डाई नदी क्षेत्र में बजरी का अंधाधुंध खनन न केवल सरकारी खजाने को अरबों का नुकसान पहुंचा रहा था, बल्कि नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को भी गहरा आघात पहुंचा रहा था। चरागाह भूमि का दुरुपयोग कर स्टॉक करने से स्थानीय किसानों की जमीनें भी प्रभावित हो रही थीं।[1]
केकड़ी उपखंड अधिकारी ने बताया कि यह अभियान नियमित रूप से जारी रहेगा। पिछले कुछ दिनों में क्षेत्र में कई शिकायतें दर्ज हुई थीं, जिनमें ग्रामीणों ने बताया था कि रात के अंधेरे में ट्रैक्टर-ट्रॉली से बजरी निकाली जा रही है। खनन माफिया स्थानीय चरागाहों पर स्टॉक कर इसे शहरों में ऊंचे दामों पर बेच रहे थे। इस कार्रवाई से माफियाओं को करारा झटका लगा है।[1]
स्थानीय निवासियों ने विभाग की तारीफ की है। खिरिया गांव के सरपंच ने कहा कि यह कदम पर्यावरण और किसानों के हित में है। अवैध खनन से नदी का जलग्रहण क्षेत्र नष्ट हो रहा था, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया था। विभाग ने चेतावनी दी है कि आगे ऐसी कार्रवाइयां और सख्त होंगी। जब्त बजरी का मूल्यांकन कर जुर्माना वसूला जाएगा और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।[1]
केकड़ी जिला प्रशासन ने अवैध खनन रोकने के लिए विशेष निगरानी टीम गठित की है। ड्रोन और जीपीएस ट्रैकिंग से संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। यह घटना राजस्थान के अन्य जिलों के लिए भी उदाहरण है, जहां बजरी माफिया सक्रिय हैं। खनिज विभाग का यह प्रहार न केवल राजस्व बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय पारिस्थितिकी को बचाएगा। ग्रामीणों में खुशी की लहर है, लेकिन वे मांग कर रहे हैं कि कार्रवाई स्थायी हो। (शब्द संख्या: ५०२)
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